MP में कर्ज वसूली पर रोक छलावा किसानों से वसूले 430 करोड़

भोपाल,प्रदेश के आपदा प्रभावित किसानों से कर्ज वसूली स्थगित करने संबंधी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा छलावा साबित हो रही है। किसानों से कर्ज वसूली पर रोक के बावजूद करोडों रुपए की वसूली हुई है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने जा रहे किसानों से उपार्जन केन्द्रों में कर्ज वसूली की जा रही है। डेढ़ हजार से अधिक उपार्जन केन्द्रों में सोमवार तक की स्थिति में 430 करोड़ 8 लाख रुपए की राशि किसानों से जमा करा ली गई थी। सहकारिता विभाग के अफसरों का तर्क है कि वसूली नहीं होगी तो आगे किसानों को ऋण कैसे देंगे? इस वर्ष की शुरुआत में प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हुर्इं थीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में घोषणा की थी कि किसानों की कर्ज वसूली स्थगित होगी। प्रभावित किसानों को मुआवजा दिए जाने के भी निर्देश दिए गए थे। लेकिन सीएम के इस आदेश का गेहूं उपार्जन केंद्रों पर कोई असर नहीं हुआ है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की जानकारी के अनुसार 9 अप्रैल की स्थिति में गेहूं उपार्जन केंद्र आए दो लाख से अधिक किसानों से 430 करोड़ 8 लाख रुपए की कर्ज वसूली कर ली गई। इस दिन तक किसानों से 13 लाख 71 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं उपार्जन किया गया।
गेहूं खरीदी के एवज में किसानों को 2 हजार 379 करोड़ 88 लाख से अधिक राशि का भुगतान करना था लेकिन किसानों के खातों में 1 हजार 949 करोड़ 79 लाख 92 हजार रुपए ही खाते में भेजे गए हैं। प्रदेशभर में गेहूं उपार्जन के लिए 2988 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन अबतक 1838 केन्द्रों में ही खरीद हो रही है। 1150 केन्द्रों में एक दाना गेहूं नहीं आया है। शहडोल संभाग के 76 खरीद केन्द्रों में एक भी शुरू नहीं हुआ है। रीवा संभाग की 212 में 15, जबलपुर के 453 में 107 और सागर संभाग के 407 में 203 केन्द्रों में ही गेहूं उपार्जन हो रहा है।इस संबंध में अपेक्स बैंक के महाप्रबंधक आरके शर्मा का कहना है कि गेहूं उपार्जन के दौरान उन्हीं किसानों से कर्ज वसूली हो रही है जो राजी-खुशी से दे रहे हैं। किसी भी किसान से जबरन वसूली नहीं हो रही है। प्रदेश के 18 जिलों में कर्ज वसूली स्थगित है। जो किसान कर्ज चुकाएगा उसे आगे शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलेगा। राशि जमा करने के लिए 28 मार्च की अंतिम तिथि बढ़ाकर 27 अप्रैल कर दी है। कर्ज जमा करने वाले किसान डिफाल्टर होने से बच जाएंगे।

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