डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचना संभव

वाशिंगटन,मधुमेह के मरीजों में अन्य खतरों के अलावा सबसे बड़ा डर आंखों की रोशनी जाने का रहता है। मगर मिशिगन विश्वविद्यालय में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। शोध में रेटिना की रक्त धमनियों और कोशिकाओं में पहली बार संबंध का पता चला है। लिपिड की लंबी चेन धमनियों को लीक होने से बचाती हैं, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचा जा सकता है। अध्ययन में सामने आया है कि आंखों में पाया जाने वाला एक विशेष प्रकार का फैट या लिपिड ही आंखों की बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है। अब तक माना जाता था कि यह यह फैट या लिपिड त्वचा में होता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज के मरीजों की सबसे गंभीर समस्या मानी जाती है। प्रमुख शोधकर्ता जूलिया बुसिक ने कहा कि शोध में रेटिना की रक्त धमनियों और कोशिकाओं में पहली बार संबंध का पता चला है। लिपिड की लंबी चेन धमनियों को लीक होने से बचाती हैं, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी को बचाया जा सकता है।
रेटिना की रक्त धमनियां टाइट जंक्शन संरचना से काफी करीबी से जुड़ी होती हैं। यह अभेद्य दीवार होती है। बुसिक ने बताया कि यह संरचनाएं ओमेगा से जुड़े एसिल के बहुत लंबी चेन सेरामाइड्स से जुड़ी हैं। डायबिटीज के कारण रक्त धमनियों का ग्लूकोज और अस्वस्थ मात्रा में लिपिड से सामना होता है। इसके कारण पोषक तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है। इसके कारण धमनियां लीक करने लगती हैं और हल्की हो जाती हैं, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का खतरा बढ़ जाता है।

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