MP के 20 जिलों में जल संकट की आहट,समस्या से निपटने कलेक्टरों ने मांगे करोडों रुपए

भोपाल,गरमी शुरु होते ही प्रदेश के 20 जिलों में जल संकट की आहट आने लगी है। इससे निबटने के लिए कलेक्टरों ने रणनीति बनाई है। जिलों से करोड़ों रुपए के मांग प्रस्ताव भेजे गए हैं। वहीं राज्य शासन ने ग्रामीण इलाकों में 273 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है। शासन ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि पलायन की स्थिति पैदा नहीं होने पाए। पेयजल संकट को लेकर बुंदेलखंड के सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, पन्ना, बघेलखंड के रीवा, सतना, सिंगरौली, शहडोल, ग्वालियर चंबल क्षेत्र के गुना, श्योपुर, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के मंडला, डिंडोरी, बालाघाट और झाबुआ जिले संवेदनशील हैं। मध्यप्रदेश की ग्रामीण बसाहटों में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम पर 273 करोड़ 82 लाख रुपए की विभिन्न जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। इस राशि में 140 करोड़ रुपए केन्द्रांश और 133 करोड़ 62 लाख रुपए राज्यांश का प्रावधान रहेगा। इसके अलावा, मध्यप्रदेश सरकार ने भी सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए 534 करोड़ 73 लाख रुपए का प्रावधान किया है।
मध्यप्रदेश जल निगम के लिए 1395 करोड़ रुपए का प्रावधान उपलब्ध करवाया गया है। इस संबंध में सागर कलेक्टर आलोक कुमार सिंह का कहना है कि सागर जिले में 78 बंद नलजल योजनाओं को शुरू कराया जा रहा है। टेंडर हो चुके हैं। पीएचई ने इस बार पहले से राइजिंग पाइप की व्यवस्था की है। डेढ़ सौ से अधिक बसाहटों में फोकस किया है। 400 सिंगल फेस के मोटर पंप लगाए जाएंगे। वहीं दमोह कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा का कहना है कि जिले की 354 ग्राम पंचायतों को जल संकट के लिए चिहिंत किया गया है। सरकार को 70 करोड़ से अधिक खर्च होने का प्लान भेजा है। फिलहाल खेती किसानी का काम पूरा नहीं होने से पलायन की स्थिति नहीं है। अधिनस्थों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उधर सीधी कलेक्टर दिलीप कुमार का कहना है कि
जिले में इस माह जल संकट नहीं है। नगर पंचायत मझौली अन्तर्गत लोगों को पानी परिवहन करना पड़ सकता है इसलिए सरकार से तीन करोड़ की मांग की है। यह राशि सूखा राहत मद से मांगी है। 193 बंद नल जल योजनाएं शुरू कराई जा रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *