जबलपुर,प्रदेश भर 9 से 14 अप्रैल तक चलने वाली वकीलों की हड़ताल समाप्त हो गई है. प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद वकीलों ने काम पर लौटने का फैसला लिया है. वही इससे पहले आज जबलपुर हाईकोर्ट ने वकीलों को हड़ताल ख़त्म कर काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए थे. इसके बाद मंगलवार दोपहर मप्र स्टेट बार काउंसिल ने बैठक कर हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया.
प्रदेश के वकीलों की मांग थी कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाए। इसको लेकर राज्य के एक लाख वकील 9 से 14 अप्रैल तक हड़ताल पर चले गए थे। इस वजह से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर, खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के अलावा राज्य की सभी जिला व तहसील अदालतों में काम ठप था, जिससे भारी नुक्सान हो रहा था हाईकोर्ट ने वकीलों को तुरंम काम पर लौटने के निर्देश दिए थे। इसके बाद दोपहर को मप्र स्टेट बार काउंसिल की बैठक बुलाई गई जिसमें हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश सरकार ने बार काउंसिल को आश्वासन दिया है कि 19 मई 2018 के पहले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू कर दिया जाएगा।
वकीलों की जायज मांगों पर जहां राज्य सरकार ने तत्काल जानकारी ली वहीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी संज्ञान लिया और मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों को मिलने के लिए बुलाया। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरूषेंद्र कौरव ने अधिवक्ताओं से चर्चा की साथ ही उन्हें आश्वासन दिया कि जो मांगें राज्य सरकार द्वारा पूरी की जा सकती हैं उन्हें पूरा करने के लिए प्रक्रिया बनाई जाएगी, वहीं हाईकोई के सीजे ने भी अधिवक्ताओं को जजों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया। राज्य सरकार और सीजे ने 19 मई तक सभी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया के लिए समय मांगा है. जिसके बाद परिषद ने प्रदेश भर के अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की और जानकारी देने के बाद हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया।