उन्नाव,युवती से रेप के आरोप में फंसे उप्र के उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। यूपी पुलिस ने यह कार्रवाई डीजीपी के आदेश के बाद की है। बताया जाता है कि अतुल की गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच ने की है। अब पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने कुलदीप की गिरफ्तारी की मांग की है। पीड़ित महिला का आरोप है कि पिछले साल भाजपा विधायक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका रेप किया था। वह न्याय मांगने पुलिस, प्रशासन और शासन हर जगह गई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। पीड़िता ने कहा कि अगर सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह जान दे देगी। अतुल सिंह सेंगर की गिरफ्तारी पर विधायक कुलदीप पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने कहा कुलदीप सिंह अभी भी गिरफ्तार नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि उसका भाई गिरफ्तार हुआ है या नहीं। मैं उनको मौत की सजा की मांग करती हूं। उन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। मुझे न्याय चाहिए। उन्होंने साजिश करके मेरे पिता पुलिस कस्टडी में हत्या करा दी।
पुलिस हिरासत में मौत, जांच के आदेश
इधर, कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी। पीड़ित पक्ष ने विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा। उधर, इस मामले में चार नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, लापरवाही बरतने के आरोप में सम्बन्धित थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी 18 वर्षीय एक लड़की के पिता को रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मगर तड़के लगभग तीन बजे उसकी मौत हो गयी। उसकी उम्र करीब 50 वर्ष थी। मृतक के परिजन ने बलात्कार के आरोपी बांगरमऊ से भाजपा विधायक सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। उनका इल्जाम है कि मुकदमा वापस ना लेने पर गत तीन अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारा पीटा था। पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय पांच अप्रैल को पीड़ित के खिलाफ ही शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से बातचीत में इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये हैं। सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा। उधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिये तफ्तीश को उन्नाव से लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है। मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये गये हैं। वहीं पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिये लखनऊ पुलिस की एक टीम गठित की गयी है। भाजपा विधायक पर लगा आरोप अभी सिद्ध नहीं हुआ है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
दूसरी ओर मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है। जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने कहा कि जब दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था तो एक पक्ष को ही जेल क्यों भेजा गया, इसकी जांच करायी जायेगी। साथ ही मृतक का डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिये गये हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर ‘ट्वीट‘ के जरिये तंज करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं कोचिंग की छात्रा की सरेआम गोली मारकर हत्या हो रही है, तो कहीं भाजपा विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सरकार से निराश होकर मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह कर रही है। क्या यही है ‘एन्काउंटर वाली‘ सरकार का खौफ, कि अपराधियों की जगह आज नारी आतंकित हो रही है।
विदित हो कि माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपितों के बजाय अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई किये जाने से क्षुब्ध होकर कथित बलात्कार पीड़ित युवती ने कल मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया था। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया था।
इस बीच उन्नाव में बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर सोमवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्होंने इस बात से इंकार किया कि मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें इस कथित बलात्कार मामले में तलब किया है। भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें उनके विरोधियों की साजिश के तहत फंसाया जा रहा है और वह मांग करते है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जायें। जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उनसे पूछा गया कि जिस तरह से इस मामले में उनका नाम आ रहा है क्या वह इस मामले की जांच के लिये इस्तीफा देंगे। इस पर उन्होंने कहा कि इस्तीफा देंगे, नाम किसी का आने पर क्या कोई इस्तीफा दे देता है। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से गलत है। इस घटना के पीछे मंशा केवल पूरी तरह से मेरी बदनामी की है जो लोग हमारी लोकप्रियता से हमारे काम करने के तरीके से परेशान हो गये है। मैं चाहता हूं कि इस मामले की पूरी तरह से जांच हो।
भाजपा विधायक ने कहा कि मैं पिछले काफी समय से राजनीति में हूं मेरे खिलाफ कई बार साजिश की जा चुकी है, एक बार फिर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है लेकिन मैं किसी मामले से घबराने वाला नही हूं। मैं हर तरह की उच्च स्तरीय जांच को तैयार हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें तलब किया है। इस पर उन्होंने कहा कि नहीं वह यूं ही मुख्यमंत्री कार्यालय आये है, उन्हें किसी ने तलब नही किया गया है।