अहमदाबाद,गुजरात में जल संकट गहराने के आसार हैं,नर्मदा नदी का जलस्तर काफी घट गया है, जिससे गुजरात सरकार ने मध्य प्रदेश से नर्मदा का अतिरिक्त पानी मांगा था. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने गुजरात की मांग को सूखा का हवाला देते हुए खारिज कर दिया. मध्य प्रदेश की ओर से साफ इंकार के बाद अब गुजरात सरकार ने केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. गुजरात सरकार द्वारा केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन विभाग को 2017 में मध्य प्रदेश से अतिरिक्त मांग करता हुआ पत्र लिखा गया था. गुजरात चाहती है कि केन्द्र सरकार नर्मदा कंट्रोल ऑथोरिटी को अतिरिक्त पानी छोड़ने का आदेश करे| 30 जून तक या जब तक समस्या का समाधान नहीं होता तब तक कम से कम 1500 क्यूसेक पानी छोड़ने की नर्मदा कंट्रोल ऑथोरिटी से अनुरोध किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार राज्य की जरूरतों और पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार सरोवर के उदघाटन के दौरान छोड़े गए पानी को लेकर उठे विवाद के बाद से काफी सतर्क है. वहीं मध्य प्रदेश में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और राज्य के कई इलाकों में पानी की किल्लत है. जिसकी वजह से मध्य प्रदेश की शिवराजसिंह चौहाण की सरकार ने जनवरी में गुजरात को अतिरिक्त पानी छोड़ने से इंकार किया है.
गुजरात में जलसंकट और बांध से पानी चोरी की रोकथाम के लिए सरकार ने डेम पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है. डेम के महत्वपूर्ण 44 स्थानों पर 97 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. सरदार सरोवर नर्मदा निगम की रु. 20 करोड़ की सहायता सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.अब तक नर्मदा डेम की सुरक्षा में जिला पुलिस समेत एसआरपी जवान तैनात थे. अब सीसीटीवी कैमरे भी लगातार निगरानी करेंगे. जिला पुलिस अधीक्षक महेन्द्र बगडिया के मुताबिक नर्मदा डेम पर एचडी और नाइटविजन कैमरे लगाए जाएंगे. जिसमें 32 कैमरे पीटीझेड होंगे| इन कैमरों से 360 डिग्री रिकार्ड होगा. 18 कैमरे एएनपीआर होंगे, जो डेम क्षेत्र में प्रवेश करने वाली प्रत्येक गाड़ी पर कड़ी नजर रखेंगे और नंबर प्लेट भी रिकार्ड करेंग. जबकि 47 कैमरे फिक्स्ड होंगे. नर्मदा डेम क्षेत्र में नोन कनेक्टिविटी की समस्या होगी तो उसके खास व्यवस्था की जाएगी.