भोपाल,प्रदेश के अंदर संभवत: जून से एक जिले से दूसरे जिले में माल भेजने के लिए भी ई-वे बिल जरूरी हो जाएगा। प्रदेश में अप्रैल से इंटर स्टेट ई-वे बिल व्यवस्था लागू हो चुकी है और अब राज्य सरकार एवं कस्टम-सेंट्रल एक्साइज विभाग के बीच अगले चरण को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। शुरुआती सप्ताह के दौरान उम्मीद के मुताबिक ई-वे बिल जेनरेट नहीं हो पाए। प्रदेश में ई-वे बिल को अंतर जिला स्तर पर लागू करने के लिए राज्य सरकार और कस्टम-सेंट्रल एक्साइज विभाग के बीच राय-मशविरा शुरू हो गया है। इस बारे में विभाग ने राज्य सरकार से तारीख तय करने को कहा है। व्यवस्था के संबंध में अभी अधिसूचना जारी किए जाने की औपचारिकता भी बाकी है।
इस मामले में राज्य सरकार को पहल करनी है। उसके बाद जीएसटी काउंसिल अंतिम निर्णय करेगी। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाने के लिए ई-वे-बिल व्यवस्था लागू हुए 10 दिन हो चुके हैं। एक अप्रैल के बाद से प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों में कस्टम-सेंट्रल एक्साइज ने अपनी निगरानी भी बढ़ा दी है। इस दौरान विभाग ने सीमावर्ती जिलों से जो फीडबैक मंगाया है। यहां से जो आंकड़े मिले हैं, उनसे यह तस्वीर स्पष्ट हुई है कि जितनी उम्मीद थी उतने बिल जनरेट नहीं हो रहे हैं। लिहाजा मामले में कुछ दिन बाद समीक्षा भी की जाएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि नई व्यवस्था में सबसे अहम बात यही है कि राजस्व की चोरी नहीं होगी। ई-वे बिल से सारा कारोबार ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे ‘रिवेन्यू लीकेज” की संभावना खत्म हो जाएगी। इससे राज्य सरकार का हित भी जुड़ा हुआ है। विभाग इस बात को लेकर भी सतर्क है कि नई टैक्स व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह का नकारात्मक संदेश न जाए, इसलिए फूंक-फूंक कर कदम रखे जा रहे हैं।