नई दिल्ली, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) उनसे एयरसेल मैक्सिस केस के संबंध में पूछताछ कर रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस मामले में 24 मार्च को दिल्ली स्थित विशेष अदालत ने कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब भी मामले में कार्ति की जरुरत होगी उन्हें तलब किया जाएगा। तलब किए जाने पर उन्हें जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। एयरसेल मैक्सिस केस मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल होगी। मालूम हो कि कार्ति पर एयरसेल-मैक्सिस के अलावा आईएनएक्स मीडिया केस में भी जांच चल रही है। सीबीआई द्वारा विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट के अनुसार, मैक्सिस की सहायक कंपनी ग्लोबल कम्यूनिकेशन सर्विसेज होल्डिंग्स लिमिटेड ने एयरसेल में 800 मिलियन डॉलर के निवेश के लिए मंजूरी मांगी थी। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी इस मामले में अनुमति के लिए सक्षम थी। हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम द्वारा इस संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया था। इस संबंध में आगे की जांच जारी है। इस मामले में कार्ति के शामिल होने का आरोप है।
इससे पहले पी. चिदंबरम के बेटे और उनसे जुड़ी बताई जा रही एक फर्म एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की परेशानियां बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ एयरसेल-मेक्सिस मनी लांड्रिंग केस में गैरकानूनी आय के पर्याप्त सबूत होने की बात धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) प्राधिकरण ने मान ली थी। अर्द्धन्यायिक प्राधिकरण ने ये बात अपनी लिखित टिप्पणी में शामिल करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्ति चिदंबरम और फर्म के नाम की 1.16 करोड़ रुपये की संपत्ति को सीज करने के आदेश को भी हरी झंडी दिखा चुकी है। पीएमएलए के तहत निर्णायक प्राधिकरण के एक शीर्ष अधिकारी ने अपने 171 पेज के आदेश में कहा, कार्ति इस संपत्ति को मनी लांड्रिंग के अपराध के तहत हुई आय नहीं होना साबित नहीं कर पाए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में कार्ति और फर्म से जुड़े फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस को अटैच कर लिया था और अब प्राधिकरण ने इसे सही बताया है। प्राधिकरण ने अपने निर्णय में कहा है, अस्थायी तौर पर अटैच की गई संपत्ति का संबंध मनी लांड्रिंग में होना पाया गया है। इस निर्णय के बाद अब ईडी चेन्नई स्थित एक बैंक की शाखा में मौजूद करीब 1 करोड, 16 लाख, 9 हजार तीन सौ अस्सी रुपये के इन फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक बैलेंस के अपने अधिकार में लेने की तैयारी में है।