भोपाल,पांच बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घिर गए हैं। उनके इस निर्णय जहां कांग्रेस राजनीतिक छलावा बता रही है, वहीं इस पर ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों को ऐसे दर्जे प्रदान करती है, जो लोग सम्मानित होते हैं और जो आध्यात्मिक रूप से लोगों की मदद करते हैं। मगर सरकार अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ऐसे लोगों को राज्य मंत्री का दर्जा दे रही है, जिन्हें लोग जानते तक नहीं। उन्होंने कहा कि वे लोग संत नहीं हो सकते तो मंत्री के दर्जे के लोभ में फंस जाएं। बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। ये संत हैं, नर्मदानंद, हरिहरानंद, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और योगेंद्र। इन सभी को नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए गठित विशेष समिति में 31 मार्च को शामिल किया गया था। कांग्रेस ने इन संतों की धार्मिकता का फायदा उठाने की कोशिश करने के लिए सरकार की आलोचना की। यह एक राजनीतिक छलावा है। यह वोटों के लिए शिवराज सिंह का षडयंत्र है। वह चाह रहे हैं कि बाबाओं के सहारे चुनाव जीत जाएं, जो असंभव है।