नई दिल्ली,इस बार भी होम लोन पर ब्याज घटने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। आम बजट के बाद मौद्रिक नीति की पहली समीक्षा के बाद रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। उसने ने रेपो रेट का छह प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर, जबकि सीआरआर चार प्रतिशत और एसएलआर को 19.5 फीसदी पर कायम रखा है। मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक में उसके एक सदस्य माइकल पात्रा ने रेपा और रिवर्स रेपो की दरों 0.25 फीसदी का इजाफा करने का सुझाव दिया, लेकिन बाकी के पांच सदस्यों ने दरों में कोई बदलाव न करने पर सहमति जताई। रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई दर का अनुमान घटाकर 4.7 से 5.1 फीसदी कर दिया है। पहले महंगाई दर 5.1 से 5.6 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था। अब बैंक को पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2018 के दौरान महंगाई के 4.7 से 5.1, जबकि दूसरी छमाही यानी अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 के दौरान 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। आरबीआई का अनुमान है कि पहली तिमाही में महंगाई 5.1, दूसरी में 4.7, जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.4 प्रतिशत रहेगी। रिजर्व बैंक ने डिजिटल करंसी जारी करने की संभावना भी टटोली है। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक को गाइड करेगी। बिटकॉइन या किसी भी तरह की वर्चुअल करंसी के मामले में आरबीआई से रेग्युलेटेड कोई भी एजेंसी किसी तरह की सर्विस नहीं देगी और न ही सपॉर्ट करेगी। यानी, स्पष्ट है कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक देश में बिटकॉइन जैसी डिजिटल करंसीज को अभी मान्यता मिलने की गुंजाइश दूर-दूर तक नहीं है।
छह सदस्यीय मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक ऐसे समय हुई है, जबकि सरकार ने जोर देकर कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा। ध्यान रहे कि पिछले महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए संकेत दिया था कि 2018 में वह दो बार और ब्याज दरें बढ़ाएगा। उद्योग मंडल फिक्की ने मौद्रिक नीति में नरम रुख की वकालत की थी। फिक्की का कहना था कि अर्थव्यवस्था में सुधार अब दिखने लगा है, लेकिन वृद्धि के स्तर को और बढ़ाने की जरूरत है। उधर, कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा था कि अभी रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया जाएगा, क्योंकि 2018-19 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। गौरतलब है कि पिछली बार अगस्त के महीने की मौद्रिक नीति की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया था। उसके बाद चार अक्टूबर और छह दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में कोई बदलाव नहीं किए गए थे।