इस्लामाबाद , नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई अपनी पाकिस्तान यात्रा पूरी कर सोमवार को लंदन लौट गईं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को वर्ष 2012 में स्वात जिले में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी। इस घटना के करीब 6 साल बाद वह पाकिस्तान आईं थी। मालूम हो कि मलाला 29 मार्च को इस्लामाबाद पहुंची थीं।
स्थानीय मीडिया फुटेज में मलाला मुस्कुराती हुई अपने परिवार के साथ इस्लामाबाद हवाईअड्डे से वह लंदन के लिए उड़ान लेंगी। मलाला का ये 4 दिवसीय दौरा बेहद गुप्त रखा गया था और उनके इस्लामाबाद पहुंचने तक कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी।
अपने इस दौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की। वहां उनके सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया था। मलाला ने वहां नम आंखों से कहा कि मैं गत 5 वर्ष से पाकिस्तान आने का सपना देख रही थी। उन्होंने स्वात जिले में अपने गृहनगर भमगोरा का दौरा भी किया। वह हमले से पहले वहीं रहती थीं। वह अपने स्कूल भी गईं।
गौरतलब है कि मलाला को वर्ष 2012 में पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों की शिक्षा का प्रचार करने के दौरान एक आतंकवादी ने गोली मार दी थी। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। घायल मलाला को हेलीकॉप्टर की मदद से पाकिस्तान के एक सैन्य अस्पताल से दूसरे सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सीय कोमा में भेज दिया ताकि उसे एयर एंबुलेंस के माध्यम से इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया जा सके। मलाला पर हमला करने के बाद तालिबान ने यह कहते हुए एक बयान जारी किया था कि अगर मलाला जीवित बचती है तो वह उस पर दोबारा हमला किया जाएगा।
मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ यह पुरस्कार दिया गया था।