नई गाइड लाइन आने तक पुरानी से ही होगी रजिस्ट्री 

भोपाल,जब तक नई कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बन जाती, तब तक वर्ष 2017-18 की गाइडलाइन ही रजिस्ट्री के लिए मान्य रहेगी। वर्तमान में पुरानी गाइड लाइन से ही प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री होगी। यह आदेश विधि विभाग से पीएस वाणिज्यिककर मनोज श्रीवास्तव के पास पहुंच गया है, जिसके बाद महानिरीक्षक पंजीयन कल्पना श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर वर्ष 2017-18 की गाइडलाइन की समयसीमा आगामी आदेश तक के लिए बढ़ा दी है। तैयार किए गए नियमों का अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गजट नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद वर्ष 2018-19 की नई गाइडलाइन बनाने व उसके लागू होने की तारीख तय कर दी जाएगी। बता दें कि विधि विभाग से गाइडलाइन बनाने के नियमों को मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन कुछ प्रक्रियाएं शेष होने के कारण फाइल शनिवार को वाणिज्यिककर विभाग के प्रमुख सचिव के पास पहुंची है। भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के सभी जिलों में वर्ष 2018-19 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन बन चुकी है और वह जिला मूल्यांकन समिति के पास पड़ी है। जैसे ही नियम लागू होंगे, वैसे ही गाइडलाइन को अंतिम रूप देने के लिए जिला मूल्यांकन समिति फाइनल बैठक कर जमीनों के रेट तय कर देगी। इस बार भी भोपाल सहित अन्य जिलों में जमीनों के रेट बढ़ना तय है।  अप्रैल में नई गाइडलाइन बनाने को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाएगी। जिला मूल्यांकन समिति से प्रास्ताव मंगवाने के बाद नई कलेक्टर गाइडलाइन एक मई से लागू हो जाएगी। हालांकि इस बार राजधानी में कलेक्टर गाइडलाइन में दाम शेष जगह में यथावत रखे जाएंगे लेकिन जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा विकास हुआ है वहां करीब 10 फीसदी जमीन के दाम बढ़ाए जा सकते हैं। जिला मूल्यांकन समितियों द्वारा आम जनता से तीन दिन में सुझाव मंगवाना और उनके आधार पर प्रस्तावित गाइडलाइन में परिवर्तन कर वर्ष 2018-19 की नई गाइडलाइन बनाकर देने के लिए 15 दिन का समय चाहिए। बता दें कि 23 अक्टूबर 2017 को पंजीयन विभाग ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम 2016 में संशोधन कर स्टाम्प अधिनियम की धारा 47 (क) को विलोपित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इन नियमों को विलोपित करने के बाद उन्हें अन्य किसी धारा में नहीं जोड़े गए। अब भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 (मध्यप्रदेश संशोधन) 2016 के तहत धारा 2 (16-ग) के तहत नियम बनाए गए हैं। पंजीयन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो पाए इसके लिए आगामी आदेश तक पुरानी गाइडलाइन से रजिस्ट्री कराने के आदेश भी जारी कर दिए गए है।

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