बेंगलुरु,कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरा जोर लगा रही भाजपा की रणनीति में उसके 19 सूत्रीय कार्यक्रम और देशभर के पांच दर्जन से अधिक संघ प्रचारकों की भूमिका अहम होगी। पार्टी ने अपनी इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए केंद्रीय मंत्रियों समेत देशभर से 56 सांसदों एवं नेताओं को लगाया है। केंद्रीय नेताओं की यह टीम कर्नाटक प्रदेश भाजपा के साथ करीबी संवाद के साथ काम कर रही है और इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर के प्रबंधन पर खास जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही भाजपा मैसूर, मेंगलुरू, बेलगावी, कलबुर्गी, हुबली, बेल्लारी, बेंगलुरु समेत कई इलाकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाएं कराएगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश भाजपा तो कार्यक्रम के अनुसार कार्य करेगी ही, इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों समेत देश के विभिन्न सांसदों की टीम को क्षेत्रवार लगाया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मार्गदर्शन में कर्नाटक में पार्टी चुनाव अभियान में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमन, पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, जितेन्द्र सिंह, पीपी चौधरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अनंत कुमार हेगड़े के अलावा मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ, जयराम ठाकुर आदि शामिल हैं। पार्टी ने राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में हर सीट पर ‘शक्ति केंद्र’ स्थापित करने की पहल की है। हर पांच-छह बूथ पर एक शक्ति केंद्र स्थापित किया गया है। इन शक्ति केंद्रों का समन्वय इसके प्रमुख कर रहे हैं। इसके अलावा हर बूथ पर कमेटी के निर्माण की पहल की गई है। हर विधानसभा सीट पर 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, युवा, महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस समिति को बूथवार रिपोर्ट तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है। बहरहाल, कर्नाटक चुनाव में भाजपा की जीत का दावा करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सम्पूर्ण राजनीति जाति, धर्म, पंथ के आधार पर लोगों को बांटने और तुष्टिकरण की राजनीति के माध्यम से सत्ता हासिल करने की अवधारणा पर आधारित है। कांग्रेस नेतृत्व एक तरफ हिन्दुओं को बांटने और दूसरी तरफ भय दिखाकर किसी न किसी तरह से अल्पसंख्यकों को एक रखने की नीति का अनुसरण कर रहा है। इस रणनीति पर कांग्रेस सालों से चल रही है। कर्नाटक की जनता इस बात को समझ गई है और भाजपा को जनादेश देने का पूरी तरह से मन बना चुकी है। भाजपा ने सिद्धरमैया सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 75 दिनों की कर्नाटक परिवर्तन यात्रा आयोजित की थी। इसके प्रभाव का आकलन करते हुए पार्टी ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाने का निर्णय किया है। पार्टी अलग-अलग क्षेत्रों में ‘बाइक रैली’ का भी आयोजन कर रही है।