भोपाल,प्रदेश के गृह विभाग द्वारा प्रस्तावित मप्र जन सुरक्षा एवं संरक्षा अधिनियम विधेयक (कमिश्नरी सिस्टम) लागू हुआ तो भवन की सुरक्षा की जांच के नाम पर पुलिस कभी आपके घर में घुस जाएगी। पुलिस से पूछकर ही लोगों को भवन निर्माण करना पड़ेगा। थाने से आपत्ति लग गई तो भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी। इस विधेयक में पान की दुकान से लेकर शॉपिंग मॉल, हॉस्पिटल, होटल और आवासीय मकानों को शामिल किया गया है। यदि विधेयक लागू होता है तो रियल स्टेट प्रोजेक्ट जो रेरा के दायरे में में आते हैं वे थानों की परिधि में आ जाएंगे। इस प्रस्तावित विधेयक को लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स (आईटीपीआई) ने आपत्ति लगाई है। आईटीपीआई के अध्यक्ष वीपी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि विधेयक में बिल्डिंग परमिशन के पूर्व पुलिस विभाग से एनओसी और भवन बनने पर पूर्णता प्रमाण पत्र लेने से पहले पुलिस का संतुष्टि प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। इसके बाद ही नगर निगम पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करेगा।
सुरक्षा ऑडिट से तात्पर्य यह है कि आवेदक को पुलिस अथवा उनकी मान्यता प्राप्त एजेंसी के चक्कर काटने पड़ेंगे। आवेदकों को स्थानीय निकाय में बिल्डिंग परमिशन की अनुमति से पूर्व नए भवन को सुरक्षा ऑडिट तथा सुरक्षा के उपाय प्रस्तावित करने होंगे। कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में कई बिंदु ऐसे हैं, कि पूर्व से पुलिस एक्ट में प्रावधानित है। विधेयक में किसी भी निर्माणाधीन भवन में निर्माण बंद करने के अधिकार उल्लेखित है। इंटरनल सिक्योरिटी एंड पब्लिक सेफ्टी के नाम पर अधिकारों के दुरुपयोग की आशंका होगी। स्थानीय निकायों के अधिकारों पर अतिक्रमण होगा। प्रस्तावित विधेयक को राज्य सरकार जहां लागू करने पर आमादा है वहीं कारोबारी व अन्य लोग इसके दुष्परिणामों को लेकर आशंकित भी है।