पेशावर, नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला पाकिस्तान की स्वात घाटी में अपने पैतृक नगर पहुंच गई हैं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला को पांच साल पहले तालिबानी आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी। वह इस घटना के बाद पहली बार पाकिस्तान आई हैं। अब कड़ी सुरक्षा के बीच मलाला अपने माता-पिता के साथ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में एक दिन के दौरे पर पहुंची हैं। वह सर्किट हाउस में रूकी हैं और इसके बाहर सुरक्षा बल तैनात हैं। मलाला मिंगोरा के माकन बाग स्थित अपने पैतृक घर भी जाएंगी। इसके साथ ही वह सांगला जिले में एक स्कूल का उद्घाटन करेंगी। मलाला ने बताया था कि जैसे ही वह अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगी, वह स्थायी तौर पर पाकिस्तान वापस लौट आएंगी। उन्होंने पाकिस्तान आने पर खुशी जाहिर की और लड़कियों को शिक्षा मुहैया कराने के अपने मिशन पर जोर दिया। मलाला को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए साल 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ यह पुरस्कार दिया गया था। अब मलाला 20 साल की हो चुकी हैं। मात्र 17 साल की उम्र में वह नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की कार्यकर्ता हैं। वह ब्रिटेन में रहती हैं और वहां मलाला फंड की स्थापना करके पाकिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और केन्या की लड़कियों की शिक्षा के लिए बने समूहों की मदद करती हैं। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं।