कर्नाटक में शनिवार को वोटिंग,अमावस को नतीजे,नेताओं को अशुभ होने की आशंका

बेंगलुरु,कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा हो गई है। वहां शनिवार यानी 12 मार्च को वोट डाले जाएंगे और 15 मई यानी मंगलवार को वोटों की गिनती होगी। दोनों ही दिन कर्नाटक में शुभ नहीं माने जाते हैं। वहीं 15 मई को अमावस्या भी है, जिसके चलते यहां के नेताओं की चिंता और बढ़ गई है। मतदान और मतगणना की तारीखों को लेकर कर्नाटक के नेता काफी डरे हुए हैं। जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ज्योतिष विद्या में काफी विश्वास रखते हैं। उनके करीबियों का कहना है कि उन्होंने अपने ज्योतिषी से मिलकर ‘बुरे साए’ के असर को कम करने के उपायों पर लम्बी चर्चा की है। वहीं देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना ने तमिलनाडु के एक बड़े ज्योतिषी से संपर्क किया है। रेवन्ना ने उनसे दोनों दिन विशेष हवन करने के लिए कहा है। रेवन्ना ने कहा, हम ईश्वर पर विश्वास करते हैं। जब तक ईश्वर और जनता हमारे साथ है, तब तक कोई हमारा नुकसान नहीं कर सकता। सीएम सिद्धारमैया भले ही ज्योतिष विद्या में यकीन न करते हों, लेकिन उनकी पत्नी पार्वती एक आध्यात्मिक महिला हैं और उन्होंने अपने बेटे और पति के लिए विशेष प्रार्थनाएं शुरू कर दी हैं। सिद्धारमैया अपने बेटे यतींद्र के लिए वरुणा सीट छोड़ रहे हैं। वह खुद चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ज्योतिष विद्या में खासा यकीन करते हैं। साल 2008 से 2011 के दौरान जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब काले जादू से निपटने के लिए उन्होंने विशेष पूजा करवाई थी। इसे लेकर वह लंबे समय तक सुर्खियों में थे। कुछ महीने पहले बेंगलुरु स्थित येदियुरप्पा के घर में कई नागा साधु पहुंचे थे। खबरें थीं कि येदियुरप्पा ने उनका आशीर्वाद लेने के लिए उन्हें अपने घर पर आमंत्रित किया था। स्थानीय मान्यता है कि नागा साधु का पैर छूने से राजनीतिक ताकत मिलती है। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि चुनाव और रिजल्ट की तारीखों की वजह से उनके कई सहयोगी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी ने घर पर विशेष पूजा शुरू कर दी है। वहीं चित्रदुर्गा सीट से टिकट के एक दावेदार ने अपने घर में नागा साधुओं को आमंत्रित किया था। उन्हें उम्मीद है कि इस बार वह विधानसभा पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा, इस बार हालत काफी बुरी है। मैं बचाव के सारे उपाय कर रहा हूं।
कुछ नेताओं का विश्वास है कि मंदिरों के झंडे खरीदने से उन्हें सत्ता पाने में मदद मिलेगी। इन झंडों को मुक्ति ध्वज कहा जाता है और नेताओं में इसे खरीदने की होड़ लगी होती है। चित्रदुर्गा के एक मंदिर में एक नेता ने ऐसे ही एक ध्वज को 72 लाख रुपए में खरीदा। वहीं राज्य के शीर्ष ज्योतिषी भी इन दिनों अपने वीआईपी क्लाइंट्स को देखने में खासे व्यस्त हैं। वैदिक स्कॉलर दैवग्न केएन सोमायाजी का दावा है कि अमावस्या हर अच्छी चीज़ के लिए बुरा दिन है। इसका मतगणना में नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया, शनिवार हर चीज के लिए बुरा नहीं है। लेकिन मंगलवार को हम जरूरी काम नहीं करते हैं। यह अच्छा दिन नहीं माना जाता है। इस बार मंगलवार को अमावस्या भी है और यह चिंता की बात है।

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