नई दिल्ली,सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का पिछले सात दिनों से जारी अनशन गुरुवार शाम को खत्म हो गया। अन्ना का अनशन खत्म कराने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दिल्ली के रामलीला मैदान पर पहुंचे और अनशन खत्म कराया।
मंच पर मौजूद अन्ना के साथियों का दावा है कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं। यह पहले ही बता दिया गया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस, कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन रामलीला मैदान पहुंचेंगे और अन्ना को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराएंगे। अन्ना के प्रवक्ता जयकांत मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति से संबंधित अन्ना की मांग मान ली है। सरकार ने लोकपाल को प्रधानमंत्री, सांसदों, मंत्रियों और विधायकों पर कार्रवाई की शक्तियां दिलाने का वादा किया है। उसने अन्ना को भरोसा दिलाया है कि वह लोकपाल की नियुक्ति शीघ्र करेगी। इस समय यह प्रावधान है कि लोकपाल प्रधानमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्रियों की जांच नहीं कर सकता। प्रवक्ता ने कहा, हमने सरकार से ये धाराएं हटाने को कहा था। हमने कहा था कि लोकपाल को मजबूत बनाइए, फिर नियुक्ति करिए। सरकार के प्रतिनिधियों ने वादा किया है कि इस बारे में लोकसभा में संशोधन का प्रस्ताव आएगा। इस काम के लिए अन्ना ने सरकार को तीन माह का समय दिया है। मांगें पूरी न होने पर फिर अन्ना फिर धरने पर बैठेंगे। जयकांत ने बताया कि कैबिनेट ने अन्ना की मांगें मानने का एक प्रस्ताव पास किया है, जिसे अन्ना ने मंजूरी दे दी है। पीएमओ के अधिकारी प्रस्ताव लेकर आए।
महाराष्ट्र के सीएम और दो मंत्री भी आए। जयकांत ने कहा कि सरकार ने कृषि मूल्य आयोग की घोषणा की है। डेढ़ गुने समर्थन मूल्य की भी मांग मान ली है। स्वामीनाथन आयोग की अधिकांश मांगें भी मान ली गई हैं। अन्य कमियों को सुधारने के लिए अन्ना ने सरकार को तीन माह का समय दिया है। केन्द्र सरकार ने अन्ना हजारे की मांगों पर अपनी सहमति जता दी है। उसने अन्ना को यह भी बता दिया है कि वह किसानों को उनकी लागत की डेढ़ गुना कीमत कैसी देगी। दूसरी ओर सरकार अन्ना की मांग पर चुनाव आयोग को यह प्रस्ताव भेजने को राजी हो गई है कि उम्मीदवार के फोटो को ही उसका चुनाव चिन्ह्र बनाया जाए। जयकांत की मानें तो केन्द्र सरकार अन्ना की ज्यादातर मांगों पर राजी हो गई है। सरकार अगर तीन महीने के तय समय में मांगों को पूरा नहीं करती है तो अन्ना क्या करेंगे, इस सवाल के जवाब में जयकांत ने कहा कि तीन महीने बाद एक बार फिर रामलीला मैदान में आंदोलन शुरु किया जाएगा। क्या अगला आंदोलन मोदी सरकार के खिलाफ होगा, इस पर जयकांत ने कहा कि हमारी लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है, हम न मोदी से लड़ रहे हैं और न ही कांग्रेस से।