भोपाल,दो अप्रैल से नया शिक्षण सत्र प्रारंभ होने वाला है और एनसीईआरटी की अभी तक 25 फीसदी पुस्तकें छप नहीं पाई है। ऐसे में छात्रों को एनसीईआरटी की किताबें 15 जून तक ही मिल पाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र का दावा है कि एमपी बोर्ड की किताबें तो तैयार हैं, लेकिन एनसीईआरटी की 65 फीसदी किताबें ही छपी हैं, जबकि 25 फीसदी अभी तैयार करनी हैं। ऐसे में स्कूल खुलने पर छात्रों के लिए 40 दिन का विशेष मॉडल तैयार किया गया है, जो दक्षता उन्न्यन पर आधारित है। इसमें ज्वॉयफुल लर्निंग के तहत खेल-खेल में छात्रों को गणित और हिन्दी पढ़ाएंगे। जब गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुलेगा, तब छात्रों को किताबें मिल पाएंगी। राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि 40 दिन तक दक्षता उन्न्यन करेंगे, इसके बाद जून से किताबें दी जाएंगी। केंद्र का दावा है कि कुछ किताबों की एनसीईआरटी की सीडी नहीं मिली है, 31 मई तक सभी किताबें तैयार हो जाएंगी। वहीं पाठ्य पुस्तक निगम का कहना है कि कुछ विषयों की सीडी नहीं मिलने के कारण एनसीईआरटी की 25 फीसदी किताबें छपी नहीं हैं।
विभाग ने गत वर्ष 9वीं और 11वीं में एनसीईआरटी की किताबें लागू की थीं। इस वर्ष 8वीं से 12वीं तक में एनसीईआरटी की गणित, विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन व वाणिज्य की किताबें शामिल की हैं। इसमें 140 सीडी में से सिर्फ 86 सीडी मिली हैं। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से राज्य स्तर, जिला व ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को ज्वॉयफुल लर्निंग के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें गणित में 30 और हिन्दी में 30 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है। जिसमें गीतमाला, कविता, ऑडियो व वीडियो के माध्यम से छात्रों को खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक लोकेश कुमार जाटव का कहना है कि 31 मई तक सभी किताबें तैयार हो जाएंगी। अभी अप्रैल में दक्षता उन्न्यन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके लिए सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वहीं पाठय पुस्तक निगम के मुख्य महाप्रबंधक एमआर खान का कहना है कि एनसीईआरटी की 25 फीसदी किताबें छपी नहीं हैं। अभी 54 सीडी नहीं मिली हैं। इसमें कुछ कक्षा की उर्दू, गणित, हिंदी की किताबें बाकी हैं। मई अंत तक तैयार हो जाएंगी।