भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तय हुआ की किसानों के खातों में 4526 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि 16 अप्रैल और 10 जून को डाली जायेगी। बैठक में रबी 2016-17 के 67 लाख 25 हजार मीट्रिक टन उपार्जित गेहूँ पर 7 लाख 38 हजार किसानों को तथा खरीफ-2017 के 16 लाख 59 हजार मीट्रिक टन उपार्जित धान पर 2 लाख 83 हजार किसानों को 200 रुपये प्रति क्विंटल के मान से 1676 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि 16 अप्रैल को बैंक खातो में डालने का निर्णय लिया गया है। इस तरह इस निर्णय से 10 लाख 21 हजार किसान लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में पंजीकृत किसानों द्वारा 10 अप्रैल से 31 मई तक चना, मसूर एवं सरसों विक्रय करने पर बोनी के रकबे और उत्पादकता के आधार पर पात्र उत्पादन उपार्जित कराये जाने पर तथा इसी अवधि में पात्रता की सीमा तक शेष मात्रा मण्डी में बेचे जाने पर कृषक समृद्धि योजना में किसान को 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। पंजीकृत किसानों द्वारा मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर अथवा नीचे विक्रय करने पर भी प्रोत्साहन राशि 100 रुपये प्रति क्विंटल दी जायेगी। इससे करीब 15 लाख किसान लाभान्वित होंगे। लाभान्वित किसानों के खातों में 10 जून को करीब 250 करोड़ रुपये की राशि डाली जायेगी।
प्रदेश में 26 मार्च से 26 मई के मध्य ई-उपार्जन के गेहूँ के पंजीकृत किसान द्वारा इस अवधि में विक्रय करने पर बोनी के रकबे तथा उत्पादकता के आधार पर पात्र उत्पादन उपार्जित कराये जाने पर तथा इसी अवधि में पात्रता की सीमा तक शेष मात्रा मण्डी में बेचे जाने पर कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत 265 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। पंजीकृत किसानों द्वारा मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर अथवा नीचे विक्रय करने पर भी प्रोत्साहन राशि 265 रुपये प्रति क्विंटल दी जायेगी। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे, जिनके खातों में 10 जून को करीब 250 करोड़ रुपये की राशि डाली जायेगी।
कल्याणी से शादी पर दो लाख रुपए मिलेंगे
सरकार ने तय किया है कि विधवा महिला के लिए अब ‘कल्याणी ‘ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। कल्याणी महिला से शादी करने वाले को सरकार दो लाख रुपए देगी। हालांकि योजना के तहत 45 साल की कम उम्र की विधवा से विवाह करने पर ही दो लाख रुपए दिए जाएंगे। जो भी शख्स विधवा महिला से विवाह करेगा उसका यह पहला विवाह होना चाहिए। दोनों को जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस जाकर विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा दिया गया कोई एक सबूत पेश करना होगा। मध्य प्रदेश सरकार इस योजना पर हर साल 20 करोड़ रुपए खर्च करेगी। विधवा महिलाओं के लिए शुरू की गई ये योजना देश में अपनी तरह की पहली योजना है। भारत में साल 1856 में विधवा महिलाओं को पहली बार पुनर्विवाह करने की कानूनी तौर पर मान्यता मिली थी।