भोपाल,बढती महंगाई का असर भेल की स्कूल बसों के खर्चें पर भी दिखने लगा है। बढते वित्तिय बोझ के चलते भेल प्रबंधन ने इन स्कूल बसों के संचालन को लेकर हाथ खडे कर दिए हैं। भेल शिक्षा मंडल ने स्पष्ट कह दिया है कि वह आगामी पांच अप्रैल से बस सेवा बंद करने जा रहा है। विक्रम स्कूल की ओर से बोर्ड पर सूचना चस्पा कर दी गई है। स्कूल प्रबंधन द्वारा चस्पा किए गए नोटिस में साफ लिखा है कि नए शैक्षाणिक सत्र 5 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस सत्र से भेल शिक्षा मंडल की बसें नहीं चलेंगी। वहीं जवाहरलाल नेहरू स्कूल के प्राइमरी व हायर विंग के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने छात्र-छात्राओं से साफ कह दिया है कि 5 अप्रैल से आपको बस लेने नहीं आएगी। ऐसे में भेल कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है। कुछ कर्मचारी वैकल्पिक व्यवस्था तलाशने लगे हैं तो कई भेल शिक्षा मंडल व भेल प्रबंधन के निर्णय के विरोध में उतर आए हैं। इधर, भेल की प्रतिनिधि यूनियनें इंटक, एबु, बीएमएस ने विरोध शुरू कर दिया है।
भेल शिक्षा मंडल के पदाधिकारियों का मानना है कि अब जवाहरलाल नेहरू और विक्रम स्कूल में कुछ ही भेल कर्मचारियों के बच्चे पढ़ते हैं। अधिकतर अभिभावकों ने स्कूल वैन लगा रखी है। बसों के परमिट, टैक्स, स्पीड गवर्नर, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे सहित चालक व परिचालकों पर पैसे खर्च होते हैं। खर्चा ज्यादा होने से भेल शिक्षा मंडल ने नए सत्र से बस सेवा बंद करने का ऐलान किया है। भेल शिक्षा मंडल के फैसले का इंटक, एबु, बीएमएस यूनियनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। वहीं बीएमएस के उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जल्द ही विरोध करने की रणनीति बनाई जाएगी। इस बारे में भेल पीआरओ विनोदानंद झा का कहना है कि जवाहरलाल नेहरू व विक्रम स्कूल में गिने-चुने कर्मचारियों के ही बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल बसों का खर्चा बढ़ता जा रहा है। इसलिए बसों को बंद करने की तैयारी है। स्कूल प्रबंधनों ने विद्यार्थियों व अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था करने का कह दिया है।