बिना मुडेंर के कुए में जा गिरे चार बच्चे,एक की मौत तीन गंभीर घायल

अशोकनगर,जिले में बिना मुंडेर वाले अनुपयोगी कुएं लगातार हादसों को सबब बने हुए हैं। कुआ मालिकों द्वारा इन कुओं को खुदवाने के बाद मुडेंर नहीं बनाई गईं हैं। क्षेत्र में कई कुएं ऐसे है जो सडक़ किनारे होने के साथ ही बिना मुंडेर के है। यह आए दिन दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे है। लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
रविवार की सुबह सहराई चौकी के अन्तर्गत आने वाले ग्राम अमनचार में चार आदिवासी बच्चे खेलते-खेलते बिना मुडेंर के कुए में जा गिरे। जिनमें एक की मौत हो गई। वहीं तीन गंभीर घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहां दो घायल बच्चों की स्थिति बिगड़ते देख भोपाल रिफर कर दिया है। मिली जानकारी अनुसार अमनचार गांव के हरीजन मोहल्ले में समरतिया हरीजन का कुआ है। समरतियां ने कुआ खुदवाने के बाद उसकी मुडेंरी नहीं बनाई है। कुआ काफी गहरा है और सूखा पड़ा हुआ है। जिसकी मुडेंरी बनवाने के कईयों बार ग्रामीणों कहा लेकिन समरतियां ने मुडेंरी नहीं बनवाई गई। जिसके कारण ग्रामीणों में हर दिन हादसे का भय बना रहता है। सुखें पड़ें कुआ के ऊपर बीछीं फर्सियों पर रविवार को गांव के चार बच्चें खेल रहे थे पर अचानक यह फर्सियां टूंटकर कुंआ में गिर गई। जिससे सात वर्षय सनमान सिंह पुत्र बल्लू आदिवासी इन फर्सियों में दब गया जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन अन्य बच्चें बुरी तरह से घायल हो गये। इस तरह बच्चों को कुुंआ में गिरता देख गांव के ही बल्लू आदिवासी नेे कुंआ में कुंदकर इन बच्चोंं को बाहर निकाला एवं ड़ायल 100 को सूचना दी। बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुंगावली लाया गया। जहॉं घायलों छोटू 6 व कल्लू 7 परिवार के ही शिशुपाल 6 को प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल रैफर कर दिया। वहीं म्रत बच्चें का पीएम करके शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इस तरह कुंआ में कुंदकर बच्चों को बचाने के दौरान कुंआ में कुंदें युवक बल्लू के पैर में भी फैक्चर हो गया है जिसको मुुंगावली अस्पताल में ही भर्ती किया गया। वहीं जिला अस्पताल से भी गंभीर घायल कल्लू पुत्र रामसिंह को एवं उसके भाई छोटू को भोपाल रैफर कर दिया गया। डॉ. अजय गहलोत ने बताया कि, घायल कल्लू की जांघ की हड्डी दो जगह से टूट गई है। जिसके कारण उसे भोपाल रैफर किया है। उसके साथ उसके भाई छोटू को भी भोपाल भेजा गया है। हालांकि छोटू को इतनी गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन उसके माता-पिता के कहने पर उसे भी रैफर कर दिया। इस मामले को पुलिस द्वारा जाचं में लिया गया है कि आखिर ऐसा हादसा किस कारण से हुआ है।
मामा के यहां आया था मृतक:
बल्लू आदिवासी के यहां दो दिन पहले यज्ञ का कार्यक्रम था। इसी में शामिल होने सनमान अमनचार आया हुआ था। वहीं उसका भाई शिशुपाल मामा के पास रहता है। बल्लू की पत्नि उसे छोडक़र चली गई है और शिशुपाल को बल्लू ने गोद ले लिया है। मृतक के माता-पिता शनिवार को लौटने वाले थे, लेकिन किसी कारण वश रुक गए और रविवार को सुबह लगभग 8.20 बजे हादसा हो गया।
पहले भी हो चुके हादसे:
क्षेत्र में कई कुएं ऐसे है जो सडक़ किनारे होने के साथ ही बिना मुंडेर के है। यह आए दिन दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे है। लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिले में सैकड़ों की संख्या में मौजूद बिना मुंडेर के कुओं में कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कभी ऐसे कुओं में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर जाते है तो कभी लोग या मवेशी गिर जाते है। जिन्हें मशक्कत के बाद कुएं से बाहर निकाला जाता है। इसका मुख्य कारण लोग शासकीय योजनाओं सहित निजी रुपए से खेतों व मकानों के आसपास कुओं का निर्माण कर लेते है। इनमें कई कुएं तो सडक़ किनारे होते हैं। जिनमें वाहन भी गिर जाते है। इसी प्रकार क्षेत्र में दर्जनों कुएं है जो सडक़ किनारे होने के कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते है। इनकी मुंडेर आज तक नहीं बनी है और न ही इनके समीप कोई संकेतक बोर्ड लगे है ऐसे में इनसे यह हर दिन हादसों का अंदेशा बना रहता है।

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