भोपाल, चना-सरसों-मसूर को भावांतर में शामिल करने के बाद इन फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदी के फैसले पर सरकार घिरती नजर आ रही है। गुना से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भावांतर योजना में बदलाव को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया है। सिंधिया ने कहा है कि शिवराज सरकार के झूठों का पर्दाफाश हो गया है। शनिवार को इस मामले पर ज्योतिरादित्य ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने अपने पहले ट्वीट पर कहा कि शिवराज सरकार के झूठों का पर्दाफ़ाश-पहले चना-सरसों-मसूर को भावांतर में शामिल करने की घोषणा कर दी, पंजीयन तक शुरू कर दिया और अब अपने कथित वादे से मुकर गए। यही है कृषि कर्मण पुरस्कार का ढिंढोरा पीटने वाली राज्य सरकार का ऐतिहासिक किसान हितैषी फैसला? दूसरे ट्वीट में लिखा- सफेद झूठ और किसान के साथ छलावा ही इस भाजपा की केंद्र-राज्य सरकार का मूलमंत्र है – यह सिर्फ किसान को त्रस्त और पस्त करना चाहते हैं।
भावांतर का ढोंग क्यों : नेता प्रतिपक्ष
रबी की तीन फसलों को भावान्तर से बाहर करने का फैसले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि पहले चना, मसूर और सरसों को भावांतर योजना में शामिल कर अचानक दिल्ली से लौटकर चना, मसूर और सरसों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा क्यों की? उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय तो केंद्र सरकार का है तो फिर यह शिवराज सरकार का ऐतिहासिक फैसला कहां से हुआ? अजय सिंह ने कहा कि जलेबी जैसी भावांतर योजना में किसानों को फंसाकर अब स्वयं मुख्यमंत्री उसमें फसने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद ही आज तक इस योजना को समझ नहीं पाए। सिंह ने कहा कि संकट में पड़े किसानों के जीवन के साथ प्रयोग कर रहे शिवराज जी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने भावांतर योजना में चना, मसूर और सरसों को शामिल करके फिर दहाड़कर यह बताया कि इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। फिर करोड़ों रूपए का विज्ञापन में इसका प्रचार करने के बाद समर्थन मूल्य पर खरीदने के एलान के पीछे रहस्य क्या है?
इस फैसले पर घिरी सरकार
शिवराज सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की है कि राज्य सरकार अब चना, सरसों और मसूर की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी, जबकि सरकार ने इससे पहले चना, मसूर और सरसों को भावान्तर योजना में शामिल किया था, लेकिन अब सरकार ने इनको भावान्तर योजना से हटाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है।