नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्तों की नियुक्ति पर 12 राज्यों को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इन राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि दो सप्ताह के भीतर लोकायुक्तों की नियुक्त नहीं होने के पीछे की वजहों को बताने के आदेश दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोकायुक्त को पर्याप्त अधिकार दिलाने की मांग पर दायर याचिका की सुनवाई की। जस्टिस रंजन गगोई और जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी से राज्य में लोकायुक्त की स्थिति बताने को कहा, साथ ही बेंच ने कहा कि कोर्ट को यह जानकारी नहीं है कि राज्य में कोई भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल है या नहीं।
जिन १२ राज्यों से लोकायुक्तों की नियुक्ति नहीं किये जाने का कारण पूछा गया है उनमें जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली एवं पश्चिम बंगाल शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 12 राज्यों से यह भी कहा कि लोकायुक्तों की नियुक्ति कब होगी, इस बारे में भी उन्हें जानकारी दी जाए। कोर्ट ने इन राज्यों जवाब देने को कहा कि वे कब तक लोकायुक्त की नियुक्ति करेंगे। सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें लोकायुक्तों के प्रभावी कामकाज के लिये पर्याप्त बजटीय आवंटन एवं जरूरी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के संबंध में राज्यों को निर्देश देने की मांग की गयी थी। वकील एवं दिल्ली भाजपा के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका के अनुसार लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को एक जनवरी, 2014 को राष्ट्रपति की सहमति मिल गयी थी, लेकिन कार्यपालिका ने अब तक लोकपाल का गठन नहीं किया है। इस याचिका में कहा गया कि 1 जनवरी 2014 को लोकायुक्त बिल पास हो गया था और 16 जनवरी 2014 से यह प्रभावी है। लेकिन राज्यों ने अब तक लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए हैं।