भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा खरीफ 2017 में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि 28 मार्च 2018 से बढ़ाकर 27 अप्रैल 2018 करने की मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2017-18 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण देने की वर्तमान योजना के तहत सहकारी बैंको के लिए बेस रेट पूर्व वर्षो की भांति 11 प्रतिशत यथावत रखने का निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद ने उच्च न्यायालय के ऐसे कर्मचारीगण, जो 3600 रूपये ग्रेड-पे के नीचे की ग्रेड-पे पर कार्य कर रहें हैं, उन्हें एक अप्रैल 2003 से एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि और 3600 ग्रेड-पे प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने की मंजूरी दी।उधर,चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में लहसुन और प्याज की खरीदी की जाएगी, जबकि चना, मसूर और सरसों की उपज भारत सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। आज यहां मंत्रालय में मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए इसे देश के लिए लागू करने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर विचार करने के लिए गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है। यह ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स भावांतर भुगतान योजना पर चर्चा कर इसे पूरे देश के लिए लागू करने का निर्णय लेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए तय किया गया है कि चना, मसूर और सरसों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। लहसुन और प्याज की खरीदी भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे के बावजूद इन फसलों का प्रदेश में बंपर उत्पादन हुआ है। राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।