कांग्रेसजनों का मौन उपवास,राज्यपाल को ज्ञापन, मंत्री रामपाल और बेटे पर एफआईआर दर्ज हो,महिला अत्याचारों पर रोक लगे

भोपाल, कांग्रेस नेताओं ने आज मौन व्रत रख राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटैल को दिए गए ज्ञापन में मांग की है कि प्रीति रघुवंशी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले रामपाल सिंह एवं उनके परिवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो, मंत्री रामपाल सिंह पर धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज हो और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार पर सख्ती से अंकुश लगे उनके सम्मान और अस्मिता की रक्षा हो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, मुख्य सचेतक रामनिवास रावत, डॉ. गोविंद सिंह एवं मुकेश नायक सहित कांग्रेस विधायक इस मौके पर उपस्थित थे। विधानसभा में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और मंत्री रामपाल सिहं और उनके बेटे की वजह से आत्महत्या करने वाली प्रीति रघुवंशी पर चर्चा न कराने के विरोध में आज कांग्रेस विधायक दल द्वारा मौन उपवास रखा गया। चार घंटे मौन उपवास के बाद कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में सभी विधायक पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट है कि महिलाओं के साथ हो रहे अनाचार के मामले में हमारा प्रदेश पूरे देश में अव्वल है। एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि मध्यप्रदेश से प्रतिदिन 75 महिलाएं गायब हो रही हैं। राज्य के अपराध अनुसंधान शाखा के आंकड़े के अनुसार पिछले 7 साल में 7448 लड़कियां प्रदेश से गायब हो गई। हर दिन 15 बेटियों के साथ ज्यादती हो रही है। मात्र एक साल में 5310 बच्चियों के साथ ज्यादती हुई। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं से ज्यादती की इतनी बड़ी संख्या है। यह आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में महिलाओं का सम्मान नहीं है वे सुरक्षित नहीं हैं और अब उनका घर से निकलना दूभर हो चला है।
कारण स्पष्ट है कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। हाल ही में उदयपुरा में 17 मार्च 2018 को युवती श्रीमती प्रीति रघुवंशी ने आत्महत्या कर ली। युवती के पिता ने संबंधित थाने में आवेदन दिया जिसमें उन्होंने मंत्री रामपाल सिंह और उनके पुत्र गिरजेश सिंह को इसका दोषी बताया है। श्रीमती प्रीति रघुवंशी का विवाह मंत्री रामपाल सिंह के पुत्र गिरजेश सिंह से हुआ इसके पूरे प्रमाण हैं। पूरा घटनाक्रम इस बात की चीख-चीखकर गवाही दे रहा है कि प्रीति रघुवंशी ने आत्महत्या गिरजेश सिंह द्वारा दूसरी शादी करने और मंत्री रामपाल सिंह द्वारा निरंतर उनके परिवार पर बनाए गए दबाव के कारण की। इस पूरे घटनाक्रम और उपलब्ध सबूत से यह स्पष्ट हो जाता है कि मंत्री रामपाल सिंह के पुत्र गिरजेश का विवाह चंदन सिंह रघुवंशी की पुत्री से हुआ था। लड़की के परिजनों के बयानों से यह भी स्पष्ट है कि मंत्री रामपाल सिंह को इस विवाह की जानकारी थी और वे परिवार पर दबाव डाल रहे थे कि वह शादी तोड़ दें। ऐसे प्रकरण में सरकार द्वारा जांच की बात कहने से स्पष्ट है कि वे मंत्री और उनके पुत्र को बचाना चाहते हैं। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि इस मामले में विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर सत्तापक्ष ने चर्चा नहीं होने दी और संसदीय कार्य मंत्री के इशारे पर असंवैधानिक तरीके से विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

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