भोपाल,नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे महत्वपूर्ण बजट सत्र को जिस अलोकतांत्रिक तरीके से स्थगित किया है उसे लोकतंत्र में और मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में एक और काला दिन बताया है। उन्होंने कहा कि पहली बार हुआ कि पूर्व निर्धारित कार्यसूची जो सदन की कार्यवाही का हिस्सा थी उसे एक घंटे में बदल कर शेष दिनों की कार्यवाही को समाहित कर सदन में पेश कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, सिर्फ इसलिए की विपक्ष प्रीति रघुवंशी के हत्यारे मंत्री रामपाल सिंह और उनके पुत्र के खिलाफ सदन में चर्चा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहती थी, जो उसका धर्म था। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र विरोधी और प्रजातंत्र की हत्यारी है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि दो दिन से विपक्षी सदस्य मंत्री रामपाल सिंह की बहू द्वारा आत्महत्या के मामले को सदन में उठाना चाहते थे। लेकिन सत्तापक्ष निरंतर इस पर चर्चा न करवाने के लिए असंवैधानिक तरीके से आसंदी पर दबाव बनाया हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम में महिलाओं के नाम पर ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार भी सदन में नहीं आए। वे विधानसभा में मौजूद थे लेकिन सदन में नहीं आए। श्री सिंह ने कहा कि एक युवती पर, उसके परिवार पर मंत्री रामपाल सिंह के परिवार द्वारा किए गए अन्याय के मामले को उठाने पर आसंदी ने भी विपक्ष के साथ न्याय नहीं किया जो उनका संसदीय लोकतंत्र में प्रथम दायित्व था। संसदीय कार्य मंत्री कह रहे हैं कि बहू तो मान लिया, तो श्री सिंह ने सवाल किया कि यह कहां का न्याय है कि मरने के बाद बहू मान लिया तो सभी आरोपों से बरी हो गए।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि इतने गंभीर मामले में जिसमें मंत्री का परिवार शामिल हो, गरीब परिवार की बेटी आत्महत्या कर रही हो, उसका परिवार पूरी मीडिया के सामने मंत्री और उनके पुत्र पर आरोप लगा रहा हो, क्या इस मुद्दे पर विपक्ष मूक रह सकता है। एक और मंत्री के कारण युवती आत्महत्या कर रही है, दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला हितैषी होने का ढोंग रच रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं 1985 से इस सम्मानित सदन, लोकतंत्र के मंदिर का सदस्य रहा हूं, पर मैंने कभी विपक्ष के साथ इस तरह अन्यायपूर्ण व्यवहार सत्तापक्ष और आसंदी का नहीं देखा। एक घंटे में पूर्व से जारी कार्यसूची को बदल दिया गया। पहले सिर्फ 11 विभागों की बजट अनुदानों पर चर्चा होनी थी लेकिन उसे संशोधित कर 28 विभागों की बजट अनुदान मांगों को मात्र 25 मिनिट में पारित कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि कल जब मैं और अरूण यादव प्रीति रघुवंशी के परिजन से मिलने उदयपुरा पहुंचे तो वे दहशत में थे। सुरक्षा की मांग कर रहे थे। यहीं नहीं उनके परिवार वालों को रात 8 बजे से 11 बजे तक बयान के नाम पर थाने पर बैठा रखा और जब एसडीओपी बयान लेने आए तो लाइट चली गई। इस कारण कल बयान नहीं हो सके। इतने संवेदनशील मुद्दे पर पुलिस का यह रवैया बताता है कि ढोंगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार प्रीति रघुवंशी को मरने के बाद भी न्याय नहीं दिलाना चाहती।