भोपाल,प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह के बेटे गिरिजेश प्रताप सिंह ने चौतरफा दबाव के चलते आखिर प्रीती रघुवंशी को अपने पत्नी मान लिया है। गिरिजेश प्रताप सिंह मंगलवार को मृतिका प्रीती रघुवंशी के अस्थी शंचय कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं मंत्री लगातार यह बात दोहराते रहे कि उनके बेटे गिरिजेश का प्रीती से किसी प्रकार का संबंध नहीं है।
मंत्री रामपाल सिंह ने भी अपने तेवर बदलते हुए मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बेटा गिरिजेश और परिवार के अन्य लोग प्रीति के अंतिम संस्कार में गये थे। मृतक प्रीति को अपनी बहू स्वीकारने के सवाल पर मंत्री रामपाल ने कहा कि वे अपने बेटे से बात करेंगे क्योंकि उनके बेटे ने उन्हें शादी के बारे में नहीं बताया था। हालांकि साथही उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रीति जिंदा होती तो और स्वीकार करता तो ज्यादा अच्छा होता। दूसरी ओर जानकारी के मुताबिक मंत्री रामपाल सिंह का बेटा गिरिजेश यहां अस्थि संचय में पहुंचा। वहीं उसने मीडिया कर्मियों से बातचीत में प्रीति को अपनी पत्नी भी माना। इसके बाद गिरिजेश नर्मदा घाट भी पहुंचा। और बताया जा रहा है कि गिरिजेश अस्थी विर्सजन के लिए इलाहाबाद स्थित गंगा घाट भी जायेगा। वहीं पूरी मामले की छानबीन को लेकर पुलिस की उलझन में नजर आ रही है। अफसरों के मुताबिक पूरी घटना की जांच की जा रही है। और पुलिस का ध्यान सुसाईट नोट पर है। लेकिन सुसाइट नोट में किसी का नाम न होने से पुलिस कार्यवाही नहीं कर पा रही है। यदि सुसाइट नोट में किसी का नाम होता तो पुलिस तुरंत उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लेती। हालांकि इस मामले में पुलिस मृतका के परिजनों के बयान दर्ज करेगी और उनके बयानों के आधार पर भी कार्यवाही कर सकती है। लेकिन अफसर पीएम और हैंड राइटिंग की जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर घटना को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना को लेकर सत्ता पक्ष पर सड़क से सदन तक हमला बोल रखा है। पीसीसी चीफ अरुण यादव ने आज जहां उदयपुरा पहुंचकर मृतका के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देते हुए प्रीति की मौत की जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही की मांग वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर मंत्री सहित उनके बेटे को बचाने का आरोप भी लगाया। प्रीति की मौत को लेकर कांग्रेसियों ने आज फिर सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए मंत्री रामपाल सिंह के बंगले का घेराव करने का प्रयास करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इस दौरान कांग्रेसियों की पुलिस से जोरदार झड़प भी हुई। घटना को लेकर विधानसभा में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा करते हुए कार्यवाही की मांग कर सदन से बाकआउट कर दिया। वहीं पूरे मामले को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि मामले की जांच रायसेन पुलिस टीम द्वारा की जायेगी और इसके लिए अलग से टीम गठित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस हर बिंदु पर अपनी छानबीन कर रही है और जांच के आधार पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। वहीं मामले को लेकर पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मंत्री रामपाल सिंह के इस्तीफे की मांग की है।
प्रीती के घर वाले लगातार यह मांग करते रहे हैं कि मंत्री रामपाल सिंह और उनके बेटे गिरिजेश प्रताप सिंह पर प्रीती को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज हो। साथ ही वह यह भी मांग कर रहे हैं कि गिरिजेश, प्रीती को अपनी ब्याहता पत्नी मानें। इस बीच गिरिजेश प्रताप सिंह और प्रीती के चाचा के बीच हुई मोबाइल पर बातचीत का एक आडियो सामने आया है। इस आडियो में गिरिजेश, प्रीती के चाचा को यह बता रहा है कि उसे प्रीती को अपनाने के लिए घर से इजाजत नहीं मिल रही है। उल्टा उसे धमकाया जा रहा है कि पैतृक संपत्ति से उसे बेदखल कर दिया जाएगा।