शिवराज, विजयवर्गीय सहित 11 को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली,मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव 2013 को लेकर दायर की गई एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित 11 लोगों को नोटिस जारी किया है। इंदौर के पास महू विधान सभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया है कि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री और विजयवर्गीय ने जनता को प्रलोभन दिया। दरबार ने मप्र हाईकोर्ट के इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने अंतरसिंह दरबार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कैलाश विजयवर्गीय की विधायकी बरकरार रहने के आदेश दिए थे। जिसके बाद दरबार सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को लेकर याचिका दायर की थी।
यह है मामला
2013 मप्र के महू विस क्षेत्र से बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ा था। उनके विपक्ष में में कांग्रेस ने अंतरसिंह दरबार को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव में विजयवर्गीय की जीत हुई थी, जिसके बाद दरबार ने यह करते हुए इस जीत को 20 जनवरी 2014 को विजयवर्गीय के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी कि सीएम और विजयवर्गीय ने वोटरों को चुनाव के दौरान प्रलोभन दिया था। दरबार ने चार बातों को आधार बनाया था। जिसके अनुसा एक कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय द्वारा मंच पर मेडल और ट्रॉफी बांटी, पेंशनपुरा में चुनाव प्रचार के दौरान आरती के बाद महिलाओं को नोट बांटी गई। चुनाव के दौरान वोटरों को शराब बांटी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंच से मेट्रो को महू तक लाने और गरीबों को पट्टे देने की घोषणा की।
कांग्रेस में उत्साह
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएम और वियजवर्गीय सहित 11 को नोटिस जारी होने पर कांग्रेसियाों में उत्साह की लहर है। याचिकाकर्ता अंतरसिंह दरबार ने कहा कि यह हमारी जीत है। हालांकि यह आधी जीत है, जो फैसला हमारे पक्ष में आने के बाद पूरी हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से हमें जरूर न्याय मिलेगा।

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