अपने मंत्री और उनके पुत्र को मुख्यमंत्री बचा रहे -कांग्रेस

भोपाल,प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने आज कहा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान और गृह मंत्री भूपेन्द्रसिंह ही अपने मंत्री रामपाल सिंह और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले उनके बिगड़ैल पुत्र गिरजेश प्रतापसिंह को बचा रहे है! कांग्रेस जानना चाहती है कि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रामाणिक दोषियों के विरूद्व एफआईआर तक नहीं हुई है, तब उक्त तीनों जबावदेह प्रमुखों द्वारा ‘‘जांच चल रही है, पहले जांच हो जाने दो, सुसाईड नोट में किसी का नाम नहीं है’’ जैसे कहे जा रहे जुमलों का क्या अर्थ निकाला जाये?
कांग्रेस यह भी जानना चाहती है कि विधायक हेमंत कटारे प्रकरण में पीडि़ता से जेल में निरूद्ध होने के बाद भी लिखाई गई एक शिकायत पत्र के आधार पर यदि एफआईआर दर्ज हो सकती है, तब प्रीति रघुवंशी द्वारा की गई आत्महत्या और तमाम प्रमाणों के बावजूद अब तक एफआईआर भी नहीं लिखा जाना प्रदेश में कानून के राज की स्थापना को लेकर क्या दोहरा चरित्र नहीं है? यहां शिव-राज है.. या जंगल-राज?
प्रदेश की लगभग ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में अपराधियों के खिलाफ ‘‘एक्शन……एक्शन……सिर्फ एक्शन……’’ के सरकारी जुमले पर भी तंज कसते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री खुद प्रभावी अपराधियों को बचाते हैं वे किस मुंह से ‘‘सिर्फ एक्शन..’’ लिये जाने की बात कह रहे हैं? वीडियो कांफ्रेंस में अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की बात को लेकर भी पार्टी मुख्यमंत्री से यह जानना चाहती है कि अधिकारियों को हटा देना उनका विशेषाधिकार है, किंतु उक्त अपराध में शामिल अपने सहयोगी मंत्री रामपालसिंह को मंत्री पद से न हटाने के पीछे उनकी कौन सी नैतिकता, मजबूरी और परेशानी नजर आ रही है?
कांग्रेस अपनी मांग को पुनः दोहराते हुए कहना चाहती है कि मंत्री के विवाहित आरोपित पुत्र के खिलाफ तत्काल भादसं की धारा-306, विधिवत शादी के उपरांत प्रीति रघुवंशी के साथ की गई धोखाधड़ी और मंत्री रामपालसिंह के विरूद्व भी धारा-120 (बी) के तहत षड्यंत्र में शामिल होने का प्रकरण दर्ज किया जाये, क्योंकि मृतका की माता और भाई सिद्वार्थ द्वारा यह कहे जाने के बाद कि मंत्रीजी ने फोन पर शादी खत्म करने, दूसरी शादी करने, दूसरी शादी का खर्च उठाने, यह प्रस्ताव नहीं मानने पर मृतका के पिता को नौकरी से निकलवा देने की बात खुद कही है। लिहाजा, मंत्री जी का यह कथन स्वतः सफेद झूठ के रूप में सामने आ चुका है कि मुझे विवाह से संबंधित जानकारी नहीं थी!

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