रायसेन,मध्य प्रदेश में पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह की बहू की खुदकुशी का मामला राजनीतिक रंग में रंगते जा रहा है। मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मृतक के परिजनों का कहना है कि 24 घंटे के बाद भी उदयपुरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। मैरिज सर्टिफिकेट की जांच के लिए पुलिस भोपाल भी नहीं आई। इस कारण पोस्टमार्टम के 24 घंटे बाद भी मृतक का शव अभी भी पोस्टमार्टम रूम में रखा रहा। इसके पश्चात रविवार शाम को मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शादी के सबूत और मृतक के परिजनों के बयान के बावजूद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया था, जबकि भोपाल के आर्य समाज मंदिर में शादी होने की पुष्टि हो चुकी है। इतना ही नहीं इस मामले में मंत्री का नाम जुडऩे से भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पहले मृतक प्रीति के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था, उन्होंने मांग की है कि मंत्री के बेटे गिरिजेश को बुलाया जाए। मृतक के परिजनों ने आरोप मढ़ा कि मंत्री रामपाल सिंह की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था। पैसों का लालच देकर मामले में समझौते के लिए कहा गया।
पिता बोले- रामपाल प्रीति को दें बहू का दर्जा
उदयपुरा निवासी प्रीति रघुवंशी की खुदकुशी के मामले में उसके पिता चंदन सिंह रघुवंशी ने कहा कि मंत्री रामपाल सिंह उसे अपनी बहू का दर्जा दें। उनका कहना है कि बेटी ने मंत्री के बेटे गिरजेश से आर्य समाज के मंदिर में शादी की थी। रविवार सुबह प्रीति के पोस्टमार्टम से पहले उन्होंने अपने बयान में कहा कि अगर मेरी बेटी को न्याय नहीं मिला तो वे और उनकी पत्नी भी जान दे देंगे।
मंत्री के बर्खास्तगी की मांग
रघुवंशी समाज के लोगों को कहना है कि अगर परिवार को न्याय नहीं मिला तो वे चक्काजाम कर मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे साथ ही उसके पुत्र को भी गिरफ्तार करने की मांग करेंगे। इस दौरान प्रीति रघुवंशी के परिवार ने अपना ज्ञापन सिलवानी एसडीएम अनिल कुमार जैन और एसडीओपी को दिया।