नई दिल्ली,रेलवे की किराए में राहत देने के लिए दो माह पहले शुरू की गई फ्लेक्सी फेयर के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, लेकिन रेलवे ने इस रिपोर्ट पर अमल फिलहाल टाल दिया है। इस पर निर्णय लेने के इरादे से रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी। जिसमें कमिटी के सदस्यों को भी बुलाया गया था, लेकिन उस बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका। इस मामले में तय किया गया है कि विचार-विमर्श के बाद फिर से बैठक बुलाई जाएगी। फ्लेक्सी फेयर के तहत इन ट्रेनों में एक तय संख्या में सीटों की बुकिंग होने के बाद यात्री किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है। इस तरह से यह अंतिम 10 फीसदी सीटों की बुकिंग कराने वाले यात्रियों को लगभग 50 फीसदी अतिरिक्त किराया देना होता है। इसी अतिरिक्त किराए की बदौलत रेलवे को लगभग 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होती है।
बीते साल रेलवे की ओर से यह बात सामने आई थी कि यात्रियों की मांग पर रेलवे इस मामले में पुनर्विचार कर सकता है। इसी इरादे से इस साल जनवरी में रेलवे की ओर से एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में रेलवे के अलावा होटल इंडस्ट्री और एयरलाइंस इंडस्ट्री से जुड़े आला अधिकारियों को रखा गया था, ताकि कमेटी सिर्फ सरकारी सोच के आधार पर ही फैसले न ले, बल्कि ओपन मार्केट की हकीकत को समझकर निर्णय लिया जाए।
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने समिति को फ्लेक्सी फेयर योजना की समीक्षा करने और एक नई रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। पिछले साल दिसंबर में गठित समिति को रेलवे राजस्व और यात्रियों पर फ्लेक्सि-फेयर स्कीम के प्रभाव का आकलन करने का आदेश दिया था। इसमें बढ़े हुए किराए से रेलवे मुनाफे और यात्रियों पर पड़ने वाले असर की जांच की गई। समिति ने 15 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पेश की जिसमें मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए एयरलाइनों की तरह फ्लेक्सी फेयर लागू करने का सुझाव दिया गया।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि टिकट की कीमतें विभिन्न कारकों पर भिन्न हो सकती हैं। जैसे एक ट्रेन के लिए उच्च मूल्य जो बाकि ट्रेनों के मुकाबले कम समय में यात्रियों के मंजिल तक पहुंचाती है, नीचे वाली बर्थ के लिए अतिरिक्त शुल्क और त्योहार के दौरान यात्रा। कमेटी में यह भी सिफारिश की गई कि यात्रियों को प्रीमियम ट्रेनों को चुनने और प्रस्थान तिथियों के करीब बुकिंग के लिए अधिक भुगतान करने का नियम बनाया जाए। सूत्रों के अनुसार 13 मार्च को फ्लेक्सी-फेयर पर करीब 20 मिनट की बैठक में मंत्री ने प्रस्तावों पर अपनी असहमति व्यक्त की और समिति से पुनर्विचार करने के लिए कहा है। आंकड़े बताते हैं कि फ्लेक्सी फेयर योजना से राजस्व में वृद्धि हुई है और यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।