भोपाल, एक अप्रैल से लागू होने वाले बिजली के नए टैरिफ प्लान में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सीधे तो विद्युत शुल्क नहीं बढ़ाया जा रहा है पर स्थाई प्रभार के नाम पर उनसे चार्ज वसूलने की तैयारी की जा रही है। मार्च के अंतिम सप्ताह में नई विद्युत दरें घोषित कर दी जाएंगी जिसमें बिजली के दाम बढ़ना तय माना जा रहा है। हालांकि चुनावी साल होने के कारण आयोग ने कई श्रेणियों में ज्यादा वृद्धि को मंजूरी न देने की सहमति जताई है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों द्वारा तैयार किए प्लान के आधार पर नियामक आयोग में प्रस्तावित दरें भेजी गई थी जिस पर तीनों कंपनियों के क्षेत्र में सुनवाई की गई है।
उधर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि गरीबों को बिना मीटर 200 रुपए प्रति माह की दर पर बिजली प्रदान की जाएगी। इसी पर अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। दिक्कत इस बात की है कि गरीब की श्रेणी में किसे-किसे रखा जाए। इससे पूर्व में प्रस्ताव दिया था कि प्रदेश के स्कूलों में फ्लैट रेट पर बिजली के दाम तय किए जाएं। इसमें स्कूलों के लिए शहरी क्षेत्रों में 600 प्रतिमाह तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 400 प्रतिमाह का बिजली बिल वसूलने का प्रस्ताव है। सूत्रों की माने तो आयोग को प्रस्ताव दिया है कि 50 यूनिट से अधिक की खपत पर 25 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज लिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी दर 35 पैसा प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। कंपनियों के प्रस्ताव के मुताबिक कृषि एवं अन्य कार्यों में उपयोग की जाने वाली बिजली 300 यूनिट तक की खपत पर 30 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि का प्रस्ताव है। इससे अधिक 750 मिनट तक में 45 पैसे और बाकी में 60 से 68 पैसे तक का प्रस्ताव किया गया है। चुनावी साल होने के कारण सरकार बिजली दरें बढाने का ज्यादा जोखिम लेने के मूड में फिलहाल नहीं है।