नई दिल्ली,सोनिया गांधी ने कांग्रेस महाधिवेशन में बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग हमारे अस्तित्व को मिटाना चाहते थे, उन्हें पता नहीं है कि कांग्रेस लोगों के दिलों में है। पार्टी के 84वें अधिवेशन में यूपीए अध्यक्ष ने पार्टी के प्रदर्शन की सराहना देते हुए कहा, गुजरात, राजस्थान और एमपी में हमारे प्रदर्शन से पता चलता है कि जो लोग हमारे अस्तित्व को मिटाना चाहते थे, उन्हें पता नहीं था कि अब भी कांग्रेस लोगों के दिल में है। सोनिया ने कहा कि हम प्रतिशोध और अहंकार मुक्त भारत बनाने के लिए संघर्ष करेंगे। सोनिया ने मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा कि हम अहंकारी सरकार के भ्रष्टाचारों का सबूतों के साथ खुलासा कर रहे हैं। 2014 में दिए गए उनके नारे ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ ड्रामेबाजी साबित हुए। मैं अपने कार्यकर्ताओं की तारीफ करना चाहूंगी, जो विपरीत परिस्थितियों में भी डटे हुए हैं। 2019 में जीत का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस की जीत देश की जीत होगी। कांग्रेस सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि कहीं आगे की सोच है। कांग्रेस हमेशा एक आंदोलन रही है। यह इसलिए क्योंकि 133 साल से देश की राष्ट्रीयता का यह अभिन्न अंग है। यह सबको शामिल करती रही है। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं चाहती हूं कि नए अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस वह पार्टी बने, जो एक बार फिर देश के विविधता भरे समाज की उम्मीदों की नुमांइदगी करे। देश के राजनीतिक और सामाजिक संवाद की सूत्रधार बने। 40 साल पहले चिकमंगलूर में इंदिरा जी की शानदार जीत ने देश की राजनीति को पलटकर रख दिया था। हमें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ महीनों में कर्नाटक में हमारी पार्टी का ऐसा शानदार प्रदर्शन होगा, जिससे देश की राजनीति करवट लेगी। उन्होंने कहा कि मुझे दो दशक तक कांग्रेस अध्यक्ष रहने का गौरव मिला। परिस्थितियों ने मुझे सार्वजनिक जीवन में आने के लिए प्रेरित किया। मुझे ऐसे क्षेत्र में आना पड़ा, जहां मैं कभी नहीं आना चाहती थी। पार्टी के कमजोर होने और कठिन परिस्थितियों के चलते मैंने पार्टी के नेतृत्व को संभाला। आपके समर्थन ने मुझे शक्ति दी। आज जब मैं मुड़कर पीछे देखती हूं, तो मुझे लगता है कि आप लोगों ने लोगों का दिल और भरोसा जीतने के लिए कितनी मेहनत की है। सोनिया गांधी ने 2019 में गठबंधन के जरिए मोदी सरकार का मुकाबला करने के संकेत देते हुए कहा कि 1998 से 2004 के बीच हमने एक-एक कदम बढ़ाकर कई राज्यों में सरकार बनाई थी। 1998 में पंचमढ़ी के चिंतन शिविर में हुई चर्चा के दौरान आम राय बनी थी कि कांग्रेस को दूसरे दलों से गठबंधन नहीं कायम करना चाहिए। इसके बाद अगले 5 साल में बदलते माहौल में हमने 2003 के शिमला शिविर में समान विचारधारा के दलों के साथ आने का फैसला लिया। इसके बाद हमने वह मंजिल पाई, जो असंभव लग रही थी। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में कांग्रेस को तबाह करने के लिए अहंकारी और सत्ता के नशे में मदमस्त सरकार ने कोई कसर बाकी नहीं रखी। साम-दाम-दंड-भेद का खुला खेल चल रहा है। लेकिन सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न कभी झुकी है और न झुकेगी। सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार की अहंकारी नीतियों, फर्जी मुकदमों, मीडिया को सताने और संसद को बाधित करने जैसे षड्यंत्रों के खिलाफ कांग्रेस आगे बढ़कर संघर्ष कर रही है।