बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर MP विधानसभा में हंगामा

भोपाल,मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हंगामा किया। वहीं मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
सदन में सदस्य सुरेंद्र सिंह बघेल ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर सवाल करते हुए कहा कि एक माह से हड़ताल जारी है प्रदेश में स्वस्थ सुविधा बदहाल है। 22248 कर्मी हड़ताल पर बैठे हैं। इसके जवाब में स्वास्थ मंत्री रुस्तम सिंह ने कहा कि उनकी बहुत सी मांगे मान ली गई हैं, लेकिन वे नियमितीकरण की मांग पर अड़े है जो संभव नहीं है। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बहिर्गमन किया। वहीं सदस्य सुंदरलाल तिवारी ने प्रदेश के पुरुषों में सुक्राणुओं की मात्रा कम होने व नपुंसकता का मामला उठाया। जवाब में रुस्तम सिंह ने स्वीकार किया कि रीवा संभाग में 126 ऐसे मामले सामने आए हैं।
अध्यक्ष ने मंत्री को दी बधाई
आज सदन में प्रश्नोत्तरकाल में 25 प्रश्नों में से 14 प्रश्न लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित लगाए गए थे। इनमें से अधिकांश सवालों का जवाब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने दिए। इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने उन्हें बधाई दी।

मैकेनिक को नहीं मिलेगा स्टेनो के बराबर वेतन
विधानसभा में लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने स्पष्ट किया कि रेफ्रीजरेटर मैकेनिक को स्टेनो के बराबर वेतन नहीं दिया जा सकता है। यह जानकारी उन्होंने विधायक तरुण भनोत की अनुपस्थिति विधायक डा, गोविंद सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी। विधायक श्री सिंह ने पूछा था कि दो साल तक आईटीआई करने वाले मैकेनिक को स्टेनों से कम वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह वेतनविसंगति का पुनर्निधारण कर सकते हैं कि नहीं। प्रश्न के उत्तर में मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया गया वे रेगुलर होना चाहते हैं।इसके लिए परीक्षा होती है जिसमें इन्हें बोनस मार्क दिया जाता है। इन भर्तियों में परीक्षा पास करके 80-90 प्रतिशत संविदा कर्मचारी भर्ती होते हैं। इनकी ज्यादातर मांगे मानी जा चुकी है शेष मांगों के लिए समिति गठित करके प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया रेफ्रीजरेटर मैकेनिक को इसी वेतन के आधार पर रखा गया था फिर भी सरकार उनकी चिंता करेगी।

अनाप-शनाप बिल वसूलते है निजी अस्पताल
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने जानकारी दी कि निजी अस्पताल की दरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। भोजन की दर निजी अस्पताल स्वयं तय करते हैं। इसमें सरकार का इंटरपफेयर नहीं होता है।साथ ही श्री सिंह ने माननीय सदस्य इसमें कोई सुझाव देना चाहते है तो इस पर सरकार जरुर विचार करेगी। इससे पहले विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने प्रश्नोत्तरकाल के दौरान कहा कि निजी अस्पताल मरीजों से भोजन के अनाप शनाप राशि 300-400 रुपए वसूल करते हैं। यह राशि काफी ज्यादा होती है और भोजन भी उस स्तर का नहीं होता है। उन्होंने कहा कि भोजन भी अमानक स्तर का होता है। विधायक ने सदन को अवगत कराया कि पिछले दिनों विभिन्न अस्पतालों से भोजन के 9 सैंपल लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिसमें से चार रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। इसी मामले में इंदौर के अरविंदों अस्पताल पर बीस हजार रुपए का अर्थ दंड भी आरोपित किया गया था। विधायक सवाल किया कि चार रिपोर्ट जो अभी तक नहीं मिली है वे कब मिल जाएगी। प्रश्न के उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि पहले परीक्षण के लिए एक ही लैब भोपाल में थी इसलिए जांच पेंडिंग हो जाती थी, लेकिन अब इंदौर, जबलपुर में भी लैब की स्थापना होने जा रही ही हैं, इसीलिए जांच रिपोर्ट जल्दी आएगी। जितने जल्दी जांच रिपोर्ट आएगी सदस्य को उपलब्ध करा दी जाएगी।

जबलपुर के रांझी अस्पताल में होगा सुविधाओं का विस्तार
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने आज विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधायक अशोक रोहाणी को आश्वस्त किया कि जबलपुर के रांझी सिविल अस्पताल में और अधिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि वहां पहले भी कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है और आगे भी माननीय सदस्य की अपेक्षानुरुप सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इससे पहले मूल प्रश्नकर्ता सदस्य श्री रोहाणी ने मंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज इस अस्पताल में 12 डॉक्टर्स मरीजों की सेवा कर रहे हैं, कभी यहां डॉक्टरों को बेहद टोटा था। उन्होंने कहा कि मंत्री ने पहले भी अस्पताल को काफी सुविधाएं मुहैया कराई है, इसीलिए उनसे और अधिक अपेक्षाएं बढ गई है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल पर क्षेत्रीय जनता के हिसाब से सुविधाएं अभी भी कम है। आसपास के क्षेत्रों के मरीज भी इसी अस्पताल में इलाज कराने आते हैं उस हिसाब देखा जाए तो अभी भी सुविधाएं कम है, मुझे उम्मीद है कि पूर्व की भांति मंत्री जी अस्पताल को और संसाधन उपलब्ध कराएंगे। यहां आकस्मिक चिकित्सा, मशीनें, ओपीडी और स्टाफ क्वाटर का अभाव है, इनकी व्यवस्था भी सरकार अवश्य करवाएंगे। जवाब में मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जो भी अस्पताल की जरुरतें होगी उसे पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।

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