भोपाल,किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने अपने विभाग की अनुदान माँगों पर हुई चर्चा के जवाब में कहा है कि प्रदेश में किसानों की आय 5 वर्षों में दोगुनी करने के लिये प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों की वजह से पिछले 4 वर्ष की औसत कृषि विकास दर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष से अधिक प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश में एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है। किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि दलहन, तिलहन, चना और मसूर के उत्पादन में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर और गेहूँ, अरहर, सरसों और मटर के उत्पादन में दूसरे
स्थान पर है।
किसान कल्याण मंत्री बिसेन ने कहा कि किसानों के हित में लिये गये निर्णयों के कारण वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2016-17 मे कृषि उत्पादन जहाँ 2.24 करोड़ मीट्रिक टन हुआ करता था, वह अब 5.42 करोड़ मीट्रिक टन हो गया है। धान उत्पादन 17.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 80.98 लाख मीट्रिक टन और गेहूँ उत्पादन 73.65 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 219.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है। उन्होंने सदन में गेहूँ, धान, सोयाबीन और चना की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वृद्धि
दर की भी जानकारी दी। श्री बिसेन ने सदन को बताया कि देश में प्रत्येक 7 प्रमाणित बीज में से एक प्रमाणित बीज प्रदेश में होता है। वर्ष 2004-05 में 14 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज पैदा किया गया था, जो बढ़कर वर्ष 2016-17 में 40 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज हो गया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री बिसेन ने सदन को बताया कि मण्डी में जिन्सों
की आवक में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में कुल जिन्सों की आवक 135.52 लाख मीट्रिक टन थी, जो बढ़कर 214.93 लाख मीट्रिक टन हो गई है। किसानों की खेत की जमीन में उर्वरकता बनाये रखने के लिये 88 लाख नि:शुल्क स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरित किये गये हैं। प्रदेश में 265 नई मृदा परीक्षण लैब का निर्माण 100 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहाँ प्रत्येक विकासखण्ड में स्वाइल टेस्टिंग लैब कार्य कर रही है। किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाये गये हैं। दो हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना की गई है।