मेट्रो, साड़ी और एकात्म यात्रा पर घिरी सरकार

भोपाल,मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 12वे दिन विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक बाबूलाल गौर ने विकास के मुद्दे पर घेरा। सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान मेट्रो रेल, सरकारी साड़ी, एकात्म यात्रा का मामला गूंजा।
मुझे नहीं लगता सरकार मेट्रो चला पायेगी
सदन के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि सरकार ने इस प्रोजेक्ट को गोरखधंधा बनाकर रखा है। गौर ने कहा है कि उन्होंने मेट्रो को लेकर सवाल लगाया था, जिसका जवाब आया कि केंद्र ने राज्य सरकार के पुराने मेट्रो के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है। इसका मतलब अब तक की गई सभी तैयारियां बेकार गई हैं। मुझे नहीं लगता कि कभी सरकार प्रदेश में मेट्रो चला पाएगी।
70 रुपए की साड़ी 260 रुपए में खरीद रहे शिवराज
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने आदिवासियों को मिलने वाली महंगी साड़ी के नाम पर गड़बड़ी का मामला उठाया। गोविंद सिंह का आरोप था कि 260 रुपए की साड़ी सूरत में मात्र 70 रुपए में मिल रही है लेकिन सरकार उन्हीं के पैसे से आदिवासियों को महंगी साड़ी दे रही है।
एकात्म यात्रा में जनता का पैसा बर्बाद
कांग्रेस विधायकों ने एकात्म यात्रा को असंवैधानिक बताते हुए इस पर जनता के पैसे की बरबादी बताया। वहीं सरकार ने यात्रा को जनजागरण के लिए जरुरी बताया। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने प्रश्नोत्तरकाल के दौरान मामले को उठाते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक गतिविधियों के लिए सरकारी पैसा खर्च करना क्या संविधान में लिखा है। यह काम किस एजेंसी को दिया गया था। प्रश्न के उत्तर में मंत्री गौरीशंकर शैजवार ने बताया कि एकात्म यात्रा का काम जन अभियान परिषद को दिया गया। यह यात्रा धार्मिक ना होकर एक सांस्कृतिक यात्रा थी। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि पहले जनअभियान परिषद से काम नहीं कराया जाना बताया था और अब उसी से काम कराने की बात कही जा रही है। जवाब में शैजवार ने कहा कि काम करवाना और नोडल एजेंसी बनाना अलग-अलग बात है। जवाब से असुंष्ट श्री सिंह ने कहा कि जनता का धन अपनी छबि बनाने के लिए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किस नियम के तहत किया जा रहा है। जवाब में श्री शैजवार ने कहा कि आपके जमाने में भी मीटिंग का खर्च सरकारी खाते से किया जाता था।

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