भोपाल,फ्लोराइड प्रभावित लगभग 9000 बसाहटों को मिला शुद्ध पेयजल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशानुरूप प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण आबादी को पेयजल की कमी नहीं होने दी जायेगी। प्रदेश में पेयजल व्यवस्था के लिये पीएचई विभाग के बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। अगले वित्तीय
वर्ष 2018-19 में सुचारु पेयजल व्यवस्था के लिये विभागीय बजट से 534 करोड़ 73 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। मध्यप्रदेश जल निगम के लिये भी राज्य मद में 1395 करोड़ की राशि का प्रावधान उपलब्ध करवाया गया है।
सुश्री कुसुम महदेले ने सदन को बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिये राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के संचालन पर 273 करोड़ 82 लाख रुपये व्यय होंगे। पेयजल व्यवस्था की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल-जल योजनाओं तथा 80 प्रतिशत परिवारों को घरेलू कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में तेजी से अग्रसर है। विगत वर्षों में किये गये कार्यों के फलस्वरूप
एक अप्रैल, 2017 की स्थिति में एक लाख 28 हजार 61 बसाहटों में से 99 हजार 817 बसाहटें 55
लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मापदण्ड को पूरा कर रही थीं। इस वर्ष 10 हजार 75 बसाहटों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 9 हजार 90 बसाहटें इस मापदण्ड को पूरा कर चुकी हैं। इसी मापदण्ड को 8 हजार बसाहटों में पूरा करने के लिये अगले साल के बजट में 124 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
ग्रामीण पेयजल पर अगले साल 273.82 करोड़ खर्च होंगे
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