भोपाल,पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 5 लाख 92 हजार आवास का निर्माण कर मध्यप्रदेश देश में प्रथम राज्य बन गया है। इसके साथ ही इसी वित्तीय वर्ष 2017-18 में 22 लाख 34 हजार शौचालयों का निर्माण करने वाला मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य है। प्रदेश की 23 हजार 597 ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है तथा 2 अक्टूबर, 2018 तक सम्पूर्ण प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोड़ने का कार्य प्रदेश में तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 19 हजार 456 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर 8854 ग्रामों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रथम फेज में 20 हजार 256 करोड़ रुपये के व्यय से 69 हजार 285 किलोमीटर सड़कों तथा 185 पुलों का निर्माण कराया जा चुका है, जिससे 16 हजार 276 गाँव लाभान्वित हुए हैं। द्वितीय फेज के तहत पूर्व में निर्मित ग्रामीण सड़कों के उन्नयन का कार्य कराना प्रस्तावित है। इसके लिये 3,432 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जा चुके हैं, जिनसे 189 पुलों और 376 मार्गों की 5,116 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण का गठन कर 969 किलोमीटर गैर-परम्परागत पद्धति से सड़क बनाने पर भारत सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश में सड़क निर्माण की गुणवत्ता नियमन में भी मध्यप्रदेश का देश में पहला स्थान है।
मंत्री भार्गव ने बताया कि जल-संरक्षण एवं संवर्धन गतिविधियों के तहत प्रदेश ने 492 परियोजनाओं के माध्यम से 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जल-संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य कराये गये हैं।
उन्होंने पंच-परमेश्वर योजना की राशि से पेयजल सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिये पूर्व में निर्धारित की गई 10 प्रतिशत राशि की समीक्षा कर उसमें बढ़ोत्तरी करने की बात भी कही।
भार्गव ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों को स्वयं का पंचायत भवन उपलब्ध कराने का है। इसके लिये 165 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि 1117 पंचायत भवनों के निर्माण के लिये, 17 हजार 82 लाख 95 हजार रुपये 1240 सामुदायिक और मांगलिक भवनों के निर्माण के लिये तथा 11 हजार 208 लाख रुपये 1437 आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये स्वीकृत किये गये हैं। इस योजना के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 3 सामुदायिक/मंगल भवन का निर्माण संभव हो सका है।
टेकहोम राशन के तहत प्रदेश में 7 पोषण-आहार संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। धार, देवास, मण्डला, रीवा, सागर, होशंगाबाद एवं शिवपुरी में संयंत्र निर्माण का कार्य किया जायेगा।
गाँव में स्ट्रीट लाइट, 15367 ग्रामीण नल-जल योजनाओं के विद्युतीकरण और स्मार्ट मीटरिंग किया जाना है। महात्मा गांधी मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में 46 लाख 95 हजार जॉब-कार्डधारक हैं, जिन्हें वर्ष 2017-18 में 1556.88 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं। इस योजना पर वर्ष 2017-18 में 4042 करोड़ व्यय किया गया है।
सिंगल क्लिक के माध्यम से 36 लाख से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनभोगियों को 116 करोड़ रुपये की पेंशन माह की पहली तारीख को उपलब्ध कराई जा रही है। दस जिलों में जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र तथा भोपाल में 5 सितारा वृद्धाश्रम बनाया जाना भी प्रस्तावित है।
बहु-विकलांग और मानसिक विकलांग पेंशन बढ़ाकर प्रतिमाह 500 कर दी गई है तथा दिव्यांगजनों के लिये शासकीय नौकरियों में पदों का आरक्षण 3 से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने का निर्णय भी लिया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव के अनुदान माँगों पर चर्चा के जवाब के बाद उनके विभाग का बजट 36,464 करोड़ 49 लाख रुपये सर्व-सम्मति से पारित किया गया।