नई दिल्ली,जम्मू-कश्मीर में वित्त मंत्री हसीब द्राबू की बर्खास्तगी के बाद बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। वित्त मंत्री हसीब द्राबू की बर्ख़ास्तगी के बाद बीजेपी आलाकमान ने जम्मू-कश्मीर के अपने नेताओं को दिल्ली तलब किया है। बता दें कि बीजेपी महासचिव राम माधव से मिलकर हसीब द्राबू ने ही बीजेपी और पीडीपी गठबंधन सरकार की नीव रखी थी। उन्होंने पिछले हफ़्ते अपने एक बयान में कहा था कि कश्मीर राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सोशल मुद्दा हैं। लेकिन पीडीपी हमेशा से कश्मीर को राजनीतिक समस्या मान कर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने पर जोर देती रही है। अत: मुख्यमंत्री महबूबा का मानना था कि हसीब का बयान पीडीपी की राजनीतिक सोच और पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है।
पिछले एक साल में जिस तरह से आतंकियों के एनकाउंटर को लेकर मेजर आदित्य मामले या इसी तरह के अन्य मामलों में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती या पीडीपी के नेताओ के बयान आए हैं, उससे बीजेपी पहले से ही आहत थी। अब हसीब द्राबू की बर्ख़ास्तगी ने आग में घी डालने का काम किया है। इसीलिए राज्य बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। पार्टी आलाकमान अब पीडीपी के साथ गठबंधन में क्या करना है, इस पर बात करके आगे की रणनीति तय करेगा। सूत्रों की मानें तो बीजेपी आलाकमान को इसकी चिंता है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को अभी से चुनाव का डर सताने लगा है। अत: वह अब गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को छोड़कर अपने कोर कट्टर मुद्दों की राजनीति की तरफ़ आगे बढ़ने लगी हैं। इसीलिए बीजेपी अब इस गठबंधन के सभी पहलुओं पर विचार कर रही है, क्योंकि संघ पहले से इस गठबंधन से ख़ुश नहीं है।
पीडीपी के साथ गठबंधन की समीक्षा करेगी बीजेपी
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