भोपाल,वन, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने विधानसभा अध्यक्ष से आज अनुरोध किया कि किसानों के खेतों को रोझड़ और जंगली सुअर से बचाने के लिये एक समिति का गठन किया जाये। समिति में पक्ष-विपक्ष के सदस्य, स्थानीय जन-प्रतिनिधि और देश के विषय-विशेषज्ञों को शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि समिति की अनुशंसाओं को राज्य में लागू किया जायेगा। आवश्यकता पड़ने पर इसे केन्द्र शासन के समक्ष भी प्रस्तुत किया जायेगा।
डॉ. शेजवार ने यह बात विधानसभा में वन, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की अनुदान माँगों पर चर्चा के उत्तर में
कही।वन मंत्री ने बताया कि दीनदयाल वनांचल सेवा में वनकर्मियों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सहयोग देने से प्रदेश में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण में 38 प्रतिशत की वृद्धि और मलेरिया से होने वाली मृत्यु में 35 प्रतिशत की कमी आयी है। दूर-दराज के सघन वन क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ और पोषण-आहार पहुँचने से कम वजन वाले बच्चों का वजन बढ़ा है। प्रदेश की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों ने वन, वन्य-प्राणी और वनवासी की सुरक्षा और उत्थान के लिये देश में उल्लेखनीय कार्य किया है।
डॉ. शेजवार ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष के बजट में 18 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सदन में इस वर्ष वन के लिये 2706 करोड़ 5 लाख 14 हजार, योजना आर्थिक,सांख्यिकी के लिये 280 करोड़ 90 लाख 6 हजार, जिला परियोजनाओं के लिये 536 करोड़ 87 लाख 35 हजार और बुंदेलखण्ड पैकेज के लिये 32 करोड़ 5 लाख 90 हजार का बजट पारित हुआ।डॉ. शेजवार ने बताया कि विभाग किसानों के खेतों को बचाने के पशु अवरोधक दीवारे, वन्य-प्राणियों के लिये जल-स्रोत, अधोसंरचना विकास और संरक्षित क्षेत्रों के बाहर विकास कार्य कर रहा है।
बाघ एक टाइगर रिजर्व से दूसरे में सुरक्षित पहुँच सकें, इसके लिये कॉरीडोर बनाया जा रहा है। भोपाल के पास खरबई में और इंदौर के रालामण्डल में चिड़िया-घर- सह-रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। डॉ. शेजवार ने बताया कि हरियाली महोत्सव में वर्ष 2017 में 8 करोड़ से अधिक पौध-रोपण किया गया। वर्ष 2018 में 15 करोड़ पौध-रोपण का लक्ष्य है। इसके लिये बजट में 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा रही है। कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना में कृषकों को मुफ्त पौधे और
वनदूतों को अनुदान दिया जा रहा है।