यूनिटेक की संपत्तियों को नीलाम कर खरीदारों का पैसा वापस किया जाएगा

नई दिल्ली, सर्वोच्च न्यायालय ने यूनिटेक की उन सभी संपत्तियों का विवरण मांगा है, जिन्हें अब तक कहीं गिरवी नहीं रखा गया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा यह विवरण दो दिनों में मुहैया कराया जाना चाहिए, ताकि यूनीटेक की गैर विवादित संपत्तियों को बेच कर यूनीटेक के खरीदारों का पैसा वापस किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान उन सभी संपत्तियों का विवरण मांगा था, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है। कंपनी हालांकि ये विवरण नहीं दे सकी। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने उसे आदेश का पालन करने के लिए दो दिनों का समय दिया और कहा कि एक हलफनामे के साथ पूरी जानकारी दी जाए। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसने पिछली सुनवाई में यूनिटेक के अंडर-कंस्ट्रक्शनल प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी दिखाई थी।
पीठ ने कहा कि जेएम फाइनेंशियल ने कहा था कि वह पैसा देगी, जिसका उपयोग होम बायर्स को रिफंड देने में किया जा सकता है। हालांकि कंपनी ने अपने वकील के जरिए सूचना दी कि वह अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फाइनेंस करने को तैयार है। बेंच ने कहा हम इसे मुख्य केस से अनावश्यक डायवर्जन मान रहे हैं। जेएम फाइनेंशियल पर लगाए गए जुर्माने का उपयोग होम बायर्स को रिफंड देने में किया जाएगा।
यूनिटेक ने पांच मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मुंबई बेस्ड फर्म जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड उसके अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करने में दिलचस्पी दिखा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उससे पहले पिछले साल 30 अक्टूबर को कहा था कि यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा को जमानत तभी दी जाएगी, जब यह रियल एस्टेट ग्रुप दिसंबर के अंत तक कोर्ट की रजिस्ट्री में पैसा जमा करा देगा। चंद्रा इस समय जेल में हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेल अथॉरिटीज को निर्देश दिया था कि वे चंद्रा की बैठक कंपनी के अधिकारियों और वकीलों से कराएं ताकि वह होम बायर्स का पैसा लौटाने का इंतजाम कर सकें और अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का कदम उठा सकें। सन 2015 में यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स ‘वाइल्ड फ्लावर कंट्री’ और ‘एंथिया प्रोजेक्ट’ के 158 होम बायर्स ने एक क्रिमिनल केस फाइल किया था।

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