नई दिल्ली,देश की 16 राज्यों में 58 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाला चुनाव सत्ताधारी एनडीए के लिए काफी अहम माना जा रहा है। संसद के ऊपरी सदन में संख्याबल में विपक्ष से कमजोर एनडीए का इन चुनावों के बाद मजबूत होना तय है। कमजोर संख्याबल के कारण राज्यसभा में कई बार अहम बिलों को पास नहीं करा पाने वाले एनडीए सरकार के लिए यह चुनाव काफी अहम है। हालांकि 23 मार्च को होने जा रहे इन चुनावों के बाद भी राज्यसभा में एनडीए बहुमत के आंकड़े से पीछे ही रह जाएगा। बीजेपी ने इन चुनावों के लिए 26 उम्मीदवारों की घोषणा की है। पहली सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली समेत आठ नामों की घोषणा की गई थी। वहीं, रविवार को जारी दूसरी सूची में 18 नामों की घोषणा की गई। इन चुनावों में बीजेपी 26 सीटें जीत सकती है। बता दें कि राज्यसभा के कुल 250 सदस्यों की संख्या में बहुमत का आंकड़ा 126 सीटों का है। सदन में अभी सदस्यों की कुल संख्या 239 है। अगर बीजेपी और उसके सहयोगी उम्मीद के मुताबिक सीटें जीतते हैं तो उसका आंकड़ा 100 सीटों के आसपास का होगा। यानी वह बहुमत से पीछे रहेगा। बात यदि बीजेपी की करें तो उसे 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले तक कुल 61 सीटों पर चुनाव लड़ना है। इनमें चार नॉमिनेटेड सीटें भी शामिल हैं। इन 61 सीटों में अभी बीजेपी के पास कुल 17 हैं। 23 मार्च को होने वाले चुनाव में उसे काफी फायदा होगा। उसने इन चुनावों में सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखा है। उसने सकल दीप राजभर को यूपी से अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के चीफ और यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर को संदेश देने की कोशिश है। पार्टी ने रविवार को फिर से शामिल हुए किरोड़ी लाल मीणा को भी उम्मीदवार बनाया है। उसने राजस्थान में जाति के गणित को अपनी तरफ मोड़ने के लिए मदन लाल सैनी को भी प्रत्याशी बनाया है। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मीणा पूर्वी राजस्थान में अपनी जाति के कद्दावर नेता हैं। इस क्षेत्र की 25-30 सीटों पर उनका अच्छा-खासा प्रभाव है। वहीं, सैनी शेखावटी क्षेत्र से आते हैं और माली जाति से ताल्लुक रखते हैं। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत भी इसी जाति से आते हैं। बीजेपी की लिस्ट में सपा के पूर्व नेता अशोक वाजपेयी भी हैं। हालांकि पार्टी ने यूपी के फायरब्रैंड नेता विनय कटियार को उम्मीदवार नहीं बनाया है। बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा यूपी से होगा। यहां से बीजेपी सात सीटें जीत सकती है। सपा केवल एक ही उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि पहले उसके कुल छह सांसद थे। उसन इस एकमात्र सीट के लिए जया बच्चन को नामांकित किया है। कांग्रेस राज्य में बीएसपी का समर्थन कर रही है। उसके पास केवल सात विधायक हैं। सपा और कांग्रेस के समर्थन से बीएसपी के भीमराव राज्यसभा पहुंच सकते हैं। 16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग 23 मार्च को होगी। उत्तर प्रदेश से 10 सीटें हैं, जिनमें से ज्यादातर बीजेपी की झोली में आ सकती हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना व राजस्थान की 3-3, बिहार और महाराष्ट्र की 6-6, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की 5-5, कर्नाटक और गुजरात की 4-4, झारखंड की दो और छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड की 1-1 सीट पर भी राज्यसभा के लिए चुनाव होना है।
क्या है राज्यसभा चुनाव का गणित:-
राज्यसभा चुनाव का फॉर्म्युला है, खाली सीटें+एक। इसके बाद विधानसभा की कुल सदस्य संख्या से इसमें भाग दिया जाता है। इसके बाद जो संख्या आती है, उसमें एक जोड़ने पर जितने वोट आते हैं, वही एक उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए चाहिए। जैसे- उत्तर प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या 403 है। राज्य में कुल 10 सीटें खाली हैं। तो 10+1=11 हुआ। इसमें विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या 403 में 11 से भाग देंगे। इसके बाद संख्या आती है 36.63। अब 36.63+1 करेंगे। इस तरह यूपी में कुल वोट का औसत करीब 37 विधायकों का होता है।