व्यापम महाघोटाले-सीबीआई अफसरों के तबादले पर कांग्रेस ने फिर भाजपा पर साधा निशाना

भोपाल,व्यापम घोटाले को लेकर कांग्रेस का शिवराज सरकार पर घेराव लगातार जारी है। एक बार फिर घोटाले को लेकर कांग्रेस ने सरकार और सीबीआई पर सवाल खड़े किए है। कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा सीबीआई द्वारा तमाम प्रमाणों के बावजूद इस घोटाले और षड्यंत्र में शामिल बड़े मगरमच्छों को पहुंचायी गई राहत के बाद राजधानी भोपाल स्थित कैंप कार्यालय के आधे से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की वापसी पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि क्या सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और इस महाघोटाले को लेकर प्रदेश के आम नागरिकों की आकांक्षाओं और पात्र परीक्षार्थियों के हितों का ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकी है। उन्होंने सीबीआई पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान इतने बड़े घोटाले पर हम आंख मूंद कर नहीं बैठ सकते हैं। लिहाजा निश्चित तौर पर इतने बड़े घोटाले में अपात्र अभ्यार्थियों का चयन करने में व्यापक पैमाने पर आर्थिक लेन-देन हुआ है।सीबीआई ने सैकड़ों परीक्षार्थियों, अभिभावकों और नजदीकी रिश्तेदारों को आरोपी मानकर उनके विरूद्व संबंधित विशेष अदालतों में इस आशय का आरोप पत्र दाखिल किया है कि इन लोगों ने रिश्वत देकर अपने अपात्र प्रतिभागियों का प्रवेश विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए करवाया है, लेकिन इन तमाम प्रमाणों के बावजूद इस षड्यंत्र में शामिल और रिश्वत की राशि लेने वाले किसी भी जिम्मेदार अधिकारी, दलाल, राजनेताओं को आरोपी बनाना तो दूर उनसे राशि वसूलने का प्रयास और पूछताछ तक क्यों नही की गई। मिश्रा ने आगे कहा कि इन सब के बावजूद सीबीआई कार्यालय के आधे अधिकारियों, कर्मचारियों का कैंप कार्यालय से बड़े पैमने पर चले जाना एक रहस्यमयी घटना है। सीबीआई बड़े मगरमच्छों को राजनैतिक दबाववश दिये गये संरक्षण का ही एक हिस्सा है। जिससे सीबीआई जैसी महत्वपूर्ण जांच एजेंसी की विश्वसनीयता एवं गरिमा पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। कांग्रेस प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने बताया, ‘कांग्रेस ने बड़ी उम्मीद के साथ व्यापम घोटाले में सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन घोटाले में संलिप्त लोगों को क्लीन चिट देकर मामला खत्म कर दिया जा रहा है। मेरा मानना है कि उन्हें यह ब्रांच ही बंद कर देनी चाहिए।’

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