ये कैसी शराबबंदी…? नर्मदा किनारे खुलेआम बन रही शराब

बड़वानी, प्रदेश में नर्मदा किनारे शराबबंदी की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बातें खोखली साबित हो रही हैं। नर्मदा किनारे कई क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा फलफूल रहा है। यह भट्टियां नर्मदा के बीचों-बीच बनाई गई हैं। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन मौन होकर इन्हें देख रहा है। ताजा मामला बड़वानी का है। यहां पर नर्मदा किनारे अवैध रूप से बनाई जा रही शराब के खिलाफ महिलाओं ने हल्ला बोल दिया। इस दौरान 231 अवैध शराब की भट्यिां पकड़ी गईं। गौरतलब है कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान बड़वानी में ही मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि नर्मदा के किनारे से पांच किलोमीटर तक शराब की दुकाने नहीं होंगी। इसके बाद भी इस तरह शराब का धंधा सरकार की मंशा पर शक पैदा कर रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि बड़वानी पुलिस शराब माफिया से पैसे लेकर उन्हें सरंक्षण प्रदान कर रही है। इस आरोप पर एसपी ने कहा कि पुलिस की सांठगांठ मामले की जांच की जायेगी और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
शिवराज ने कब की थी घोषणा
15 फरवरी 2017 बड़वानी जिले के ग्राम मोहिपुरा मे नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया के सामने घोषणा की थी कि नर्मदा के सरंक्षण और नर्मदा के दोनों तटो के पांच किलोमीटर के क्षेत्र को नशामुक्त किया जायेगा।
यहां चल रहा शराब का अवैध कारोबार
बड़वानी थाना क्षेत्र मे नर्मदा किनारे ग्राम कसरावद के नर्मदा तट और बीच के टापू पर शराब बनाने का अवैध कारोबार जारी है। इसकी भनक
उच्चाधिकारियों तक को है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही।
3 लाख रुपये महीने ले रहे अफसर
ग्रामीणों ने बड़वानी पुलिस पर आरोप मढ़े हैं कि अवैध शराब बनाने वालों से 3 लाख रुपये महीने लेकर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। जब उच्च अधिकारी शराब पकडऩे जाते हैं तो अवैध शराब वाले पहले ही भाग जाते हैं, इससे शक है कि स्थानीय पुलिस आरोपियों को कार्रवाई की सूचना पहले ही दे देती है।
मेधा पाटेकर नेतृत्व में महिलाएं आगे आईं
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर के नेतृत्व में महिलाओं ने इन अवैध शराब बनाये जाने वालों पर कार्रवाई के लिए आगे आई हैं। मेधा ने कहा कि अगर इतनी ज्यादा मात्रा मे भट्टियां चल रही तो क्या पुलिस और आबकारी विभाग इस बात से अनभिज्ञ कैसे है?
शिवराज को चुनौती
मेधा ने कहा कि 2 अक्टूबर बिहार की तर्ज पर अगर मप्र में बिहार की तर्ज पर शराबबंदी नहीं हुई तो है तो महिलाओं का यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा महिलाओं के द्वारा लगातार शिकायत की जा रही है लेकिन कार्रवाई के बाद भी अगले दिन फिर नई भट्यिां प्रारंभ हो जाती हैं।
हेमंत गर्ग की रिपोर्ट

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