नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी पर केंद्र सरकार ने जो जानकारी दी है वह चौंकाने वाली है। देश के 1700 सांसद, विधायकों के खिलाफ 3 हजार से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि माननीयों पर करीब 3,045 आपराधिक मामले लंबित हैं। सबसे अधिक दागी विधायक उत्तर प्रदेश के हैं। नंबर दो पर तमिलनाडु, तीन नंबर पर बिहार और पश्चिम बंगाल है।3 साल में बढ़े मामले2014 से 2017 के बीच करीब 1765 विधायकों और सांसदों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया है। चौंकाने वाली रिपोर्टरिपोर्ट के अनुसार 1765 सांसदों व विधायकों के खिलाफ 3816 आपराधिक मामले थे। 3816 मामलों में से एक साल में कुल 125 मामलों को निपटाया गया। मध्य प्रदेश में कितने दागीमध्य प्रदेश में 42 विधायक व 7 सांसदों के खिलाफ अपराध दर्ज हैं। जयभान सिंह पवैया पर लूट, लाल सिंह आर्य पर हत्या, केपी सिंह पर लूट, विक्रम सिंह पर लूट-डकैती जैसे अपराध दर्ज हैं। वहीं सांसदों में गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, लक्ष्मीनाराण, ज्योति धुर्वे, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं।सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एक साल में निपटाएं मामलेलेकिन तीन साल से चल ही रहेसुप्रीम कोर्ट ने 2014 में आदेश दिया था कि इन मामलों का निपटारा एक साल के अंदर कर लिया जाए, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। पिछले तीन सालों में कुल 771 मामलों का निपटारा हुआ है। 3045 मामले अभी भी लंबित पड़े हैं। कहां कितने मामलेयूपी में 539 मामले, केरल में 373 और तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल में करीब 3000 मामले लंबित हैं। कानून मंत्रालय ने सौंपी सूचीपिछले साल दिसंबर में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के निर्देशों के पालन में इस सूचना को कानून मंत्रालय ने अदालत को सौंपा। दरअसल यह वकील और समाजसेवी अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका लगाई है जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। याचिका में मांग की गई है कि सज़ायफ्ता विधायकों और सांसदों पर आजीवन चुनाव लडऩे पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के आदेश भी सरकार को दिये हैं। राज्य दागी सांसद-विधायकउत्तर प्रदेश 248तमिलनाडु 178बिहार 144पश्चिम बंगाल 139 आंध्र प्रदेश 100 से अधिककेरल 100 से अधिकतेलंगाना 100 से अधिक