भोपाल,बगैर जीपीएस-सीसीटीवी कैमरे के प्रदेश में संचालित सभी तरह की यात्री बसों (स्टेट कैरेज) को परमिट जारी नहीं होंगे। बस संचालकों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए राज्य शासन ने मप्र मोटरयान नियम 1994 में संशोधन की तैयारी कर ली है। इसके लिए सूचना का प्रास्र्प जारी किया गया है। 31 मार्च तक दावे-आपत्तियां बुलाई गई हैं। जो भी दावे-अपत्तियां आएंगी, उनका निराकरण कर मप्र मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन कर अंतिम नोटिफिकेशन जारी कर यात्री बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। दोनों उपकरण लगाने पर ही बसों को प्रदेश के अलग-अलग मार्गों पर संचालित बसों की परमिट शर्त में शामिल कर दिया जाएगा। जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाने पर ही संबंधित आरटीओ परमिट जारी किए जाएंगे।
यात्रियों की सुरक्षा के उद्देश्य से राज्य शासन ऐसा करने जा रहा है। बसों के चालक व परिचालक को यात्री बसों में चलने से पहले पुलिस वेरिफेकेशन भी कराया जाना अनिवार्य होगा। चरित्र सत्यापन प्रमाण-पत्र और परमिट प्राधिकारी को देना होगा। यदि कोई चालक-परिचालक संबंधित पुलिस थाने चरित्र सत्यापन करा कर नहीं देते हैं तो बसों में नहीं चल सकेंगे। प्रदेश के किसी भी स्कूल में 15 साल पुरानी बसों के संचालन की भी स्वीकृति नहीं दी जाएगी। ऐसी बसें जो 15 साल पुरानी हो चुकी हैं। उन्हें परमिट जारी नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में प्रभारी आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि सामान्य, एसी, डिलक्स, चार्टर्ड सहित सभी तरह की बसों जीपीएस एवं सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाएगा। शासन ने एक मार्च को प्रास्र्प जारी किया गया है।