भोपाल,प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं की सतत वृद्धि की गई है। प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि करते हुए निर्मित सिंचाई क्षमता बढ़ाकर वर्तमान में 42 लाख हेक्टर की जा चुकी है। इसमें से 34 लाख हेक्टर जल संसाधन विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग की परियोजनाओं से सिंचित होती है। इस वर्ष प्रदेश में अल्पवर्षा एवं भीषण सूखे के बावजूद भी जल संसाधन विभाग तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग की परियोजनाओं से 27.79 लाख हेक्टर में रबी में तथा 2.35 हेक्टर में खरीफ में सिंचाई की गई है। जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने आज विधायक रामनिवास रावत की ध्यानकार्षण सूचना के उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए कृत संकल्प है और तीव्रगति से समयबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। वर्तमान में जल संसाधन विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास की 16.72 लाख हेक्टर रबी सिंचाई की परियोजनाएं निर्माणाधीन है। इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में 9.59 लाख हेक्टर की परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इनके निर्माण के उपरांत प्रदेश में जल संसाधन विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास परियोजनाओं से वर्ष 2022 तक 36 लाख हेक्टर से बढ़ाकर 62 लाख हेक्टर में सिंचाई सुविधा निर्मित हो जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 11 लाख हेक्टर से अधिक की सिंचाई परियोजनाएं चिन्हित की गई है जिसकी तत्परता से स्वीकृति के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। हमारी सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं में धनराशि की कमी नहीं आने दी है और अगले वर्षों में हम सिंचाई परियोजनाओं में एक लाख करोड़ रूपयों से अधिक व्यय करने जा रहे हैं।
मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि विजयपुर तहसील में चेटीखेड़ा परियोजना के डूब क्षेत्र में सहरिया जनजाति के परिवार आ रहे हैं जिनका पूर्व में विस्थापन कुनोपालपुर अभ्यारण के लिए किया गया था। सहरिया जनजाति के परिवारों के दोहरे विस्थापन की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस पृष्ठ में सतत प्रयास कर रहे हैं कि सहरिया जनजाति के परिवारों को भूमि के बदले भूमि उपलब्ध कराने के बाद परियोजना की स्वीकृति दी जाए। परियोजना के लिए बजट में प्रावधान भी किया है।
इसी तरह चंबल मुख्य नहर से हिरनीखेड़ा गांव के पास के 35 ग्रामों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से लगभग 12 हजार हेक्टर में सिंचाई के लिए परियोजना बनवाई गई है। परियोजना की डीपीआर परीक्षण में है। मूंझरी मध्यम परियोजना का पूर्व में सर्वेक्षण कराया गया था। परियोजना की जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने और अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई करने के उद्देश्य से पुन: सर्वेक्षण कराया जा रहा है। हमारा यह प्रयास है कि इस परियोजना से 9500 हेक्टर में सिंचाई लाभ प्रदाय करें।
मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि कूनो नदी पर एक स्टाप डेम बनाया जा चुका है। साध्य परियोजना मिलने पर स्वीकृतियां दी जा रही है। शासन द्वारा समयबद्ध तरीके से एवं तत्परता से सिंचाई परियोजनाओं के चिन्हांकन से लेक निर्माण एवं स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है।