जबलपुर,आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने यहां कहा कि भारतीय लोग भाईचारे, सद्भाव और एकता में विश्वास रखते हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण सभी समुदायों की आम सहमति से होना चाहिए। हम सभी से बात कर रहे हैं और चाहते हैं कि जल्द ही इस मसले का हल निकले। सीरिया जैसे हालत हमारे देश में न बने इसके लिये देश में अमन और शांति बनाये रखने के लिये सभी को सचेत होना होगा और मिलकर काम करना होगा। ११ साल बाद जबलपुर प्रवास पर आये श्री श्री मानस भवन में अनुयायीयों को संबोधित करने के पहले पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के चंद लोग ही हैं जो नहीं चाहते की अयोध्या में राम मंदिर बने जबकि दोनों पक्ष चाहते हैं कि राम मंदिर बने। मानस भवन में आयोजित अंतरंग वार्ता से पूर्व पत्रकारों से मुखातिब श्री श्री ने कहा कि जो लोग अपने वजूद के लिये संघर्ष कर रहे हैं वे ही राम मंदिर निर्माण में बांधक बनने का प्रयास कर रहे हैं।
हम सभी से बात कर रहे हैं………
अयोध्या मसले के समाधान की कोशिशों के बीच जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से समर्थन नहीं लेने या बातचीत न करने के सवाल पर आध्यात्मिक गुरू ने कहा कि ऐसा नहीं है हम सभी से बात कर रहे हैं और पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस मसले की समाधान निकले। सिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख नकवीr द्वारा चारों धर्मों को बोर्ड बनाने और उसमें श्री श्री को अलग करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब आप उन्हीं से पूछें तो अच्छा होगा। राम मंदिर मसला नहीं सुलझा तो सीरिया जैसे गृह युद्ध के हालात बनने के अपने बयान पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में बोलने की आजादी किसी को है और किसी को नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए। सीरिया जैसे हलातों से बचने सभी को सचेत होना होगा और मिलकर काम करना होगा।
मूर्ति तोड़ना भारतीय संस्कृति नहीं…….
त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में लेनेन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गांधी और अम्बेडकर की मूर्ति तोड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उग्रता और हिंसा व तोड़फोड़ गलत है। भारतीय संस्कृति में तोड़फोड़ और हिंसा का कोई स्थान नहीं है, अपनी संस्कृति के कारण ही दुनियाभर में भारत की एक अलग पहचान है। इस अवसर पर प्रदेश के महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव मौजूद थे।
डुमना में भव्य स्वागत……
इसके पूर्व सुबह १०.३० बजे श्री श्री का हेलिकॉप्टर से डुमना विमानतल पर आगमन हुआ। यहां महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, कलेक्टर महेश चंद्र चौधरी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। श्री श्री डुमना से सीधे मानस भवन मेें आयोजित अंतरंग वार्ता में शामिल होेने पहुंचे जहां उन्होंने अपने अनुयायीयों और विशिष्टजनों से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा कि जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है, इसके लिये सुदर्शन क्रिया अपनाकर प्रतिदिन के तनाव और खिंचाव को दूर कर खुश रहना चाहिए।
सीरिया जैसे हालत न बने सबको सचेत होना होगा,सभी समुदायों की सहमति से बनेगा भव्य राम मंदिर
