भोपाल,मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को एक समय ऐसा भी आया जबकि कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत अपनी ध्यानाकर्षण सूचना पर जल संसाधन मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के वक्तव्य से पूर्ण संतुष्ट होते हुए दिखे। उन्होंने मंत्री के इस जवाब से इत्तेफाक जताया कि चेंटीखेड़ा बांध निर्माण मामले में केंद्र से अनुमति मिल जाने दीजिए उसके बाद घोषणा कर दी जाएगी।
दरअसल विधायक रावत ने सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि जिला श्योपुर क्षेत्र में कृषि पूर्णत: वर्षा पर आधारित है। विगत चार पांच वर्षों से अल्पवर्षा के कारण जल स्तर नीचे पहुंच जाने के कारण ट्यूबबेलों ने पानी देना बंद कर दिया है। पेयजल हेतु नवीन नलकूप खनन कराए जाने पर 600 फीट तक पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में सर्वेक्षित सिंचाई योजना चेंटीखेड़ा बांध को स्वीकृत किए जाने की मांग लगातार की जा रही है। यहां सदस्य ने सदन को बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 55 बोर थे, जिनमें से 50 सूख गए हैं। बारधा बांध भी टूट गया और ठेकेदार भाग गया, इसलिए इस मामले में विभागीय व्यवस्था की जानी चाहिए। ऐसे में जबकि पिछले बजट भाषण में चेंटीखेड़ा बांध का उल्लेख किया गया था तो एक साल बाद भी प्रशासकीय स्वीकृति क्योंकर नहीं की गई है। यह गंभीर विषय है। इस पर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि केंद्र की अनुमति आना शेष है और जैसे ही अनुमति मिल जाती है स्वीकृति दे दी जाएगी। इस पर विधायक रावत ने समय पर सवाल किया जिस पर विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एक या दो माह का समय की बात कही गई है। इस पर संतुष्ट होते हुए कांग्रेस विधायक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आसन ग्रहण कर लिया।