अब विधुरों को हरियाणा सरकार देगी पेंशन

चंडीगढ़, हरियाणा सरकार बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के बाद अब विधुरों को भी पेंशन देने जा रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि सरकार विधवाओं की तर्ज पर अब विधुरों को भी पेंशन दिए जाने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।
उन्होंने हरियाणा विधानसभा में कहा कि यह मामला वित्त मंत्रालय के पास विचाराधीन है। वहां से मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। यह योजना अगले महीने से लागू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 45 साल से ऊपर के ऐसे लोग जिनके पास बच्चे हैं और दूसरी शादी नहीं की है, वो इस पेंशन के लिए योग्य रहेंगे। हालांकि शादी करने की सूरत में वह पेंशन के हकदार नहीं रहेंगे। इससे पहले हरियाणा सरकार ने पिछले साल कहा था कि वह विधवाओं की तर्ज पर विधुरों को भी पेंशन देने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले साल मार्च में एक सवाल के जवाब में हरियाणा विधानसभा में वादा किया था कि हम विधुरों के लिए पेंशन की व्यवस्था पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान समालखा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रविंदर मछरौली ने ऐसे पेंशन को लेकर सवाल उठाया था। मछरौली का कहना था कि पत्नी के देहांत के बाद विधुरों को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में दिक्कत होती है, इसलिए हरियाणा सरकार को विधुरों के लिए भी पेंशन योजना शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री खुद बैचलर हैं और वह एक विधुर की दिक्कत को समझ सकते हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत राज्य सरकार 18 या उससे अधिक उम्र की विधवाओं के अलावा बुजुर्गों और दिव्यांगों को भी पेंशन देती है। यह पेंशन उन विधवा महिलाओं को भी दिया जाता है जिनके पति, बच्चे या पिता ने उन्हें छोड़ दिया हो। साथ ही पेंशन उन महिलाओं को भी देने का प्रावधान है जिनकी शारीरिक या मानसिक अक्षमता के कारण घर वालों ने छोड़ दिया हो। 2016 में नवंबर में सरकार ने पेंशन राशि में इजाफा करते हुए यह राशि 1,400 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये कर दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *